पूर्णिया। तीन दिनों से घर में मातम पसरा हुआ था। पिता ने बेटी की अर्थी सजाई। ग्रामीण शव यात्रा में शामिल हुए। परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल हो रखा था। पिता जवान बेटी को मुखाग्नि देने की हिम्मत नहीं जुटा पाए तो दादा ने अंतिम विदाई की रस्म निभाई। स्वयं श्राद्ध कर्म की तैयारी में जुटे हुए थे। इसी बीच, शुक्रवार को एक वीडियो कॉल पर आवाज सुनाई दी-पापा मैं तो अभी जिंदा हूं… इसे लेकर हर कोई हैरान है।
दरअसल, परिवार वाले जिस बेटी अंशु कुमारी का अंतिम संस्कार कर चुके थे, उसी बेटी का वीडियो कॉल था। अब पुलिस भी परेशान है कि आखिर वह अंशु कुमारी का शव नहीं तो किसका शव था। वहीं स्वजन इस बात से परेशान हैं कि आखिर शव को पहचानने में उनसे गलती कैसे हो गई, जिस कारण उनकी जिंदा बेटी का दाह संस्कार कर दिया। यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।
जानकारी के मुताबिक, 15 अगस्त को थाना क्षेत्र के अकबरपुर ओपी के डढ़वा गांव स्थित नहर में एक अज्ञात युवती का शव पुलिस ने बरामद किया था। सोशल मीडिया पर शव की तस्वीर वायरल होने पर बलिया ओपी क्षेत्र के तुलसी बिशनपुर निवासी विनोद मंडल ने शव की शिनाख्त अपनी बेटी अंशु कुमारी के रूप में की थी। कई दिनों का शव होने के चलते उसका चेहरा विभत्स हो गया था। अंगुली व युवती के बदन पर मौजूद कपड़े के आधार पर शव की पहचान स्वजनों ने की थी। जानकारी के अनुसार, प्रेम-प्रसंग के मामले में अंशु एक महीने से गायब थी। परिवार वालों ने बेटी की अपने स्तर पर खोजबीन की, लेकिन उसका कोई पता नहीं चल पाया था। ऐसे में अज्ञात शव मिलने पर स्वजनों ने यह मान लिया था कि शायद अंशु की हत्या कर शव को नहर में फेंक दिया गया। उस अज्ञात शव की स्थिति से यह आशंका भी जताई गई थी कि दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या की गई है। अंशु कुमारी ने घर से गायब होने के बाद जानकीनगर थाना क्षेत्र के रुपोली हाल्ट निवासी अपने प्रेमी से मंदिर में शादी कर ली थी और वह अपने ससुराल में रह रही थी।
इधर, मीडिया में खुद के दाह संस्कार होने की खबर आने पर अंशु विचलित हो गई। ऐसे में स्वजनों की मर्जी के बिना शादी किए जाने का भय से निकल कर आखिरकार शुक्रवार को अपने मायके में वीडियो कॉल किया और खुद के जिंदा होने का प्रमाण दिया। स्वजनों की पहचान पर जिस शव को अंशु बता पुलिस अपनी कार्रवाई में जुटी थी, उस मामले में अब नया मोड़ आ चुका है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर स्वजनों को सौंप दिया था। अब जब अंशु के जीवित होने का साक्ष्य सामने आ चुका है तो एक बड़ा सवाल यह उठ खड़ा हुआ है कि आखिर वह शव किस युवती का था। उस शव की स्थिति से दुष्कर्म बाद हत्या की आशंका भी जताई गई थी, ऐसे में पुलिस की चुनौती भी इससे बढ़ गई है। अकबरपुर ओपी प्रभारी सूरज कुमार ने बताया कि अज्ञात शव का अंतिम संस्कार कर तो दिया, लेकिन उसके कपड़े और पहचान के लिए जरूरी सामान अभी भी सुरक्षित है। पुलिस अब नए सिरे से उसकी पहचान की कोशिश करेगी।