नईदिल्ली। द्वारका में आर्थिक तंगी से परेशान होकर मां-बेटे ने जान देने की कोशिश की। इससे पहले दोनों ने सुसाइड नोट लिखा और मां ने हाईपरटेंशन की 70 गोलियां खा ली, इसके बाद भी जब मां की जान नहीं निकली तो बेटे ने उसका गला दबाकर मां को मौत के घाट उतार दिया। बाद में खुद जान देने की कोशिश की लेकिन हिमम्त नहीं जुटा पाने से मौत को गले नहीं लगा सका। मामले में पुलिस ने युवक पर हत्या का जुर्म दर्ज कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक द्वारका सेक्टर 23 थाना क्षेत्रांतर्गत एक सोसायटी के फ्लैट में मां और बेटे किराये के मकान पर रह रहे थे। महिला बिसाबी बिस्वास 65 वर्ष के पति की एक साल पहले ही बीमारी की वजह से मौत हो चुकी थी। परिवार में वे एक मात्र कमाने वाले थे। महिला का बेटा अनिरबान बीबीए की पढ़ाई करने के बाद से बेरोजगार था। पति की मौत के बाद महिला को बीमा के कुछ पैसे मिले थे जिससे घर का खर्च चल रहा था, लेकिन यह राशि भी खत्म हो जाने के बाद परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा था। बताया जाता है कि फ्लैट का किराया करीब 35 हजार रूपए था। दिन ब दिन आर्थिक परेशानियां बढ़ती ही जा रही थी। परेशानी के बीच दोनों डिप्रेशन में आ गए और दोनों ने जान देने का फैसला कर लिया।
पुलिस के अनुसार मरने से पहले दोनों ने सोसाइड नोट लिखा, इसमें लिखा कि हम आर्थिक तंगी से परेशान हो चुके हैं और दोनों आत्महत्या करने जा रहे हैं, हमारी मौत के लिए कोई भी जिम्मेदार नहीं है। इसके बाद महिला ने हाईपरटेंशन की 70 गोलियां खाकर जान देने की कोशिश की लेकिन शरीर से प्राण नहीं छूटे तो महिला ने बेटे से कहा कि वह मेरी जान ले ले तब बेटे ने टाई से मां का गला घोट दिया। इसके बाद उसने फांसी लगाकर अपनी जान देने का मन बनाया लेकिन हिम्मत नहीं जुटा सका। इसके बाद उन्होंने परिजनों को फोन पर कहा मां ने आत्महत्या कर ली है और वह भी जान देने जा रहा है। इसकी सूचना परिजनों ने पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने बेड पर महिला की लाश देखी लेकिन मृतक का बेटा वहां नहीं था। खोजबीन करने पर बेटा छत पर एक कोने में बैठा मिला। पूछताछ में उन्होंने मां के बारे में आत्महत्या करना बताया लेकिन गले में पड़े निशान के बारे में पूछने पर हकीकत बयां कर दिया। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया।
