30 जनवरी 2025 को किन्नर अखाड़ा के संस्थापक ऋषि अजय दास ने एक स्टेटमेंट जारी करते हुए लिखा है कि बिना उनकी जानकारी के लक्ष्मी नारायण ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद दिया जो नैतिकता के खिलाफ था। ऋषि ने आगे कहा- आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और कथित ने असवैंधानिक ही नहीं बल्कि सनातन धर्म व देश हित को छोड़कर ममता कुलकर्णी जैसे देशद्रोह के मामले में लिप्त महिला जो कि फिल्मी ग्लैमर से जुड़ी हुई है, उसे बिना किसी धार्मिक व अखाड़े की परंपरा को मानते हुए वैराग्य की दिशा की बजाय की सीधे महामंडलेश्वर की उपाधि व पट्टा अभिषेक कर दिया। जिस कारण से मुझे आज बेमन से मजबूर होकर देश हित सनातन एवं समाज हित में इन्हें पद मुक्त करना पड़ रहा है।”
ममता के इस कदम पर भड़के ऋषि- ऋषि अजय दास ने यह भी कहा है कि जब किसी को महामंडलेश्वर बनाया जाता है तो उन्हें वैजंती माला पहननी पड़ती है, लेकिन ममता ने रुद्राक्ष की माला पहनी थी जो संन्यास का प्रतीक है। उनका यह भी कहना है कि बिना मुंडन के संन्यास संभव नही है। उन्होंने कहा, “इस तरह यह सनातन धर्म प्रेमी व समाज के साथ एक प्रकार का छलावा कर रहे हैं।” मालूम हो कि ममता कुलकर्णी ने संन्यास लेने के दौरान मुंडन नहीं कराया था। पट्टाभिषेक के दौरान वह गले में रुद्राक्ष की माला पहनी हुई नजर आई थीं।