इंदौर। 11 माह की बच्ची के फेफड़ों से मिनी एलइडी बल्ब निकालकर एक निजी अस्पताल के डाक्टरों ने उसे नया जीवन दिया। डाक्टरों को बच्ची की ओपन सर्जरी करनी पड़ी, क्योंकि लगभग पांच मिमी आकार का मिनी एलइडी बल्ब उसके फेफड़ों के दाहिने निचले ब्रोन्कस में विंड पाइप के माध्यम से फंस गया था।
बाल रोग सर्जन डा. बृजेश लाहोटी ने बताया कि सर्जरी में देरी बच्ची के लिए घातक साबित हो सकती थी, क्योंकि बाहरी कण उसके फेफड़ों को संक्रमित कर रहे थे और इससे गंभीर निमोनिया हो सकता था। आमतौर पर लेप्रोस्कोपी के माध्यम से बाहरी कणों को हटाया जा रहा है, लेकिन बल्ब निचले लोब में फंस गया था, इसलिए लेप्रोस्कोपी नहीं की गई।
उन्होंने बताया कि मरीज खंडवा की रहने वाली है और उसके माता-पिता ने सांस लेने में परेशानी की शिकायत लेकर हमसे संपर्क किया था। खेलते समय बच्ची में खिलौने का कण फंस गया था, जिसके बाद उसके माता-पिता उसे इंदौर लाए।
यह एक असामान्य मामला था क्योंकि कण संवेदनशील जगह पर फंस गया था जिसके कारण हमने ओपन सर्जरी का विकल्प चुना। मिनी एलइडी बल्ब को बाहर निकालने में एक घंटे का समय लगा। बच्ची अब ठीक हो रही है और उसे अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी।
