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‘आकाशतीर’ ने दुश्मन की हर हवाई चाल की बेअसर, बीईएल ने ये कहा

नई दिल्ली।  ‘आकाशतीर’ ने पाकिस्तान के ड्रोन हमलों के दौरान अपनी क्षमता साबित कर दी है। दुश्मन के ड्रोन ने जैसे ही भारत की हवाई सीमा में घुसने का प्रयास किया, इस वायु रक्षा प्रणाली ने उसको तुरंत नष्ट कर दिया। इसने पाकिस्तान के लिए भारत की हवाई सीमा में घुसना नामुमकिन बना दिया।

क्या है  ‘आकाशतीर’ –  ‘आकाशतीर’ का भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और तैयार किया है। यह वायु रक्षा प्रणाली स्वचालित (ऑटोमैटिक) है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित है। पाकिस्तान के साथ तनाव के दौरान इस प्रणाली ने ड्रोन, मिसाइलों, छोटे मानव रहित विमान (यूएवी) और लॉइटरिंग म्यूनिशन (भटकते बम) को रोक दिया, जिससे यह एक वैश्विक स्तर की रक्षा प्रणाली बन गई है।

बीईएल ने बुधवार को कहा कि असली जंग के हालात में यह प्रणाली उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर रही है और हालिया तनाव के दौरान इसने भारत की वायु रक्षा प्रणाली को काफी मजबूत किया है। बीईएल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, बीईएल को गर्व है कि हमारी इन-हाउस डिजाइन और तैयारी की गई आकाशतीर वायु प्रणाली ने युद्ध क्षेत्र में अपनी ताकत साबित की है। जमीन पर मौजूद रक्षा प्रणाली को इससे जोड़ा गया और इसने पाकिस्तान की हवाई चालों के लिए हालात बहुत मुश्किल बना दिए।

कैसे काम करती है आकाशतीर वायु रक्षा प्रणाली- इसने आगे कहा, इस प्रणाली ने उम्मीदों से भी बेहतर काम किया है। इसने हालिया संघर्ष के दौरान भारत को मजबूत हवाई सुरक्षा दी। आकाशतीर सेना के लिए एक स्पष्ट हवाई स्थिति की तस्वीर देता है, जिसे नीचे तक की ऑपरेशनल यूनिट भी देख सकती हैं। इससे हर कोई हालात को बेहतर समझ पाता है और सही फैसला ले पाता है। इस प्रणाली को मार्च 2023 में हस्ताक्षरित 1,982 करोड़ रुपये के अनुबंध के तहत विकसित किया गया। आकाशतीर प्रणाली निगरानी करने वाले उपकरणों, रडार और कमान यूनिट को एक नेटवर्क में जोड़ता है और भारतीय सेना की वायु रक्षा इकाइयों को लगातार जानकारी देता है। यह प्रणाली युद्ध क्षेत्र में भारतीय सेना के ऊपर के हवाई क्षेत्र पर निगरानी रखता है और जमीन पर मौजूद वायु रक्षा उपकरणों को प्रभावी तरीके से नियंत्रित करता है।

7 मई को भारत की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) शुरू किया गया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 9 आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया। इसके बाद पाकिस्तान ने कई ड्रोन और मिसाइलों से हमले की कोशिश की लेकिन ‘आकाशतीर’ ने उन्हें नाकाम किया। इससे किसी जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। नुकसान हुआ भी तो बहुत कम हुआ।

बीईएल ने कहा कि आकाशतीर अग्रिम मोर्च पर तैनात यूनिट को संकेत देता है, ताकि वे तुत्काल कार्रवाई कर सकें और फ्रेंडली फायर जैसी घटनाओं को रोका जा सके। ‘आकाशतीर’ भारत की रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता का प्रतीक है और ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन के अनुरूप है। इसके साथ-साथ भारत में ही बना ‘आकाश’ सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली भी पाकिस्तान के ड्रोन हमलों को रोकने में अहम भूमिका निभा चुकी है।

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