रायगढ़। दसवीं की ओपन परीक्षा में परीक्षार्थी द्वारा साले को परचा हल करने के लिए भेजा गया। मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जीजा साले को धोखाधड़ी के अपराध में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुसौर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम झलमला में स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 1 अप्रैल की सुबह 9 बजे से 12 बजे तक कक्षा 10वीं की विज्ञान विषय की परीक्षा आयोजित थी।
परीक्षा कक्ष क्रमांक 1 में पर्यवेक्षक जब उपस्थिति पत्रक की जांच कर रहे थे, तभी उन्हें एक परीक्षार्थी पर शक हुआ। जब प्रवेश पत्र में लगी फोटो और परीक्षा दे रहे युवक के चेहरे का मिलान किया गया, तो स्पष्ट हो गया कि दोनों अलग-अलग लोग हैं। जिसके बाद परीक्षा केंद्र के प्राचार्य कामता नाथ तिवारी ने पुसौर पुलिस को सूचना दी।
मौके पर पहुंची पुलिस संदिग्ध युवक को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने खुद को अमन सारथी (18) पिता पंचराम सारथी, निवासी सराईपाली, थाना कोतरारोड, जिला रायगढ़ बताया। जब जांच आगे बढ़ी, तो पता चला कि अमन असल परीक्षार्थी नहीं है, बल्कि वह अपने जीजा यादराम सारथी (27) की जगह परीक्षा देने पहुंचा था।
धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद पुलिस जब असली परीक्षार्थी यादराम सारथी को पकड़ने उसके घर पहुंची तब वह नहीं मिला। परिजनों से पूछताछ के बाद पुलिस जब धरमजयगढ़ पहुंचकर उसे गिरफ्तार किया तो उसने बताया कि परीक्षा उत्तीर्ण होने के लिए वह अपने साले को प्रलोभन देकर अपनी जगह भेजा था।
प्राचार्य की शिकायत के बाद हुआ एफआईआर- पुलिस ने प्राचार्य की शिकायत के बाद अमन सारथी और यादराम सारथी के खिलाफ धारा- 318 (4), 319 (2), 61 (2), 3 (5) बी.एन.एस. के तहत मामला दर्ज किया। इसके अलावा, जांच में छत्तीसगढ़ मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम 1937 की धारा 04 भी जोड़ी गई, जो परीक्षा में धोखाधड़ी और प्रतिरूपण से जुड़ी गड़बड़ियों पर लागू होती है। पुलिस ने इस मामले में शिक्षा अधिकारी का आदेश पत्र, परीक्षा का टाइम टेबल, परीक्षार्थी उपस्थिति पत्र, आरोपी की उत्तर पुस्तिका और मोबाइल से ली गई तस्वीरें जब्त कर ली हैं।
जेल भेजे गए दोनों आरोपी – मामले में पुलिस ने पर्याप्त सबूत जुटाने के बाद दोनों आरोपियों यादराम सारथी और अमन सारथी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया।