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सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने भेजा गया ऑगर मशीन, पहाड़ का सीना चीरने में कोई सानी नहीं

संबलपुर। उत्तराखंड के उत्तरकाशी के एक सुरंग में पिछले 13 दिनों से फंसे 41 श्रमिकों में से पांच ओडिशा के भी हैं। इन्हें बचाने के लिए संबलपुर से एक ऑगर मशीन भेजा गया है। करीब 380 टन वजनी आगर फ्रांस में बना हुआ है, जिसका चट्टानों का सीना तोड़ने में कोई सानी नहीं है। इस मशीन को ऑपरेट करने के लिए फ्रांस से एक एक्सपर्ट को भी बुलाया गया है।

गौरतलब है कि भूस्सखलन की वजह से घटित इस हादसे में ओडिशा के पांच श्रमिक भी शामिल हैं। इन पांच श्रमिकों में से एक भगवान भत्रा को नवरंगपुर जिला के तालबेड़ा गांव का बताया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारत सरकार के निर्देश पर संबलपुर के हीराकुद स्थित हिंडाल्को संयंत्र के एक ठेका कंपनी के ऑगर मशीन को 21 नवंबर के दिन संबलपुर से ग्रीन कॉरिडोर के रास्ते उत्तरकाशी भेजा गया। करीब 380 टन वजनी इस मशीन को कई हिस्सों में संबलपुर से ट्रेन के रास्ते पहले रायपुर भेजा गया, जहां से छह ट्रेलरों से उसे ग्वालियर ले जाया गया और वहां से वायुसेना के विमान से उत्तरकाशी पहुंचाने के बाद मशीन के हिस्सों को जोड़ा गया।

मशीन के लिए बनाया ग्रीन कॉरिडोर

बताया गया है कि नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया और रेलवे की ओर से इस मशीन को उत्तरकाशी तक पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इस मशीन को ऑपरेट करने के लिए फ्रांस से एक एक्सपर्ट को भी बुलाया गया है।

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