हरियाणा। करनाल की फूसगढ़ गोशाला में गुड़ में सल्फास मिलाकर 45 गायों को मौत के घाट उतार देने के मामले में पुलिस ने 4 आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। मास्टरमाइंड ठेकेदार पुलिस गिरफ्त से दूर है।
प्रशासनिक अमले को 27 जनवरी की सुबह फूसगढ़ गोशाला में गायों की मौत की सूचना मिली। रात 2 बजे से गायों की मौत शुरू हुई जो सुबह होते तक गायों की मरने की संख्या 45 हो चुकी थी। इसके अलावा 10 गाय बीमार भी थी। इससे पूरा मामला संदिग्ध नजर आ रहा था। गायों के विसरा जांच के लिए भेजे गए लेकिन कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला। जांच के लिए डिवीज़नल कमिश्नर ने 4 मेंबरों की हाई लेवल जांच कमेटी भी बनाई। इसी दौरान पुलिस ने इस मामले में थाना सेक्टर32ध्33 करनाल में केस दर्ज कर लिया। इसके बाद पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दी।केस दर्ज करने के बाद पुलिस ने गोशाला के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने की कार्यवाही शुरू फूसगढ़ गोशाला से जुंडला गेट तक सभी सड़कों, चौक-चौराहों और दुकानदारों के यहां लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज निकाले गए। 26 जनवरी की रात के फुटेज में 5 लोग गोशाला की तरफ जाते दिखे। हालांकि पांचों के चेहरे ढके हुए थे लेकिन कई जगहों पर लाईट होने की वजह से कपड़ों का रंग साफ नजर आ रहा था। इसके बाद पुलिस ने कुरुक्षेत्र के शाहाबाद की डेहा बस्ती के विशाल, करनाल सिटी की मंगल कॉलोनी के रहने वाले रजत, करनाल में जम्मू कश्मीर में झुग्गी में रहने वाले सूरज और अंबाला की डेहा बस्ती के सोनू को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में घटना को अंजाम देना स्वीकार किया। मास्टर माइंड अमित अभी फरार है। इनकी तलाश की जा रही है। मामले में यह बात सामने आई है कि गायों के कम मरने की वजह से धंधा मंदा होने की वजह से ठेकेदार के कारिंदों ने इस घटना को अंजाम दिया। शराब पीने के बाद पूरी साजिश रची गई, उन्हें एक गाय की खाल व चर्बी बेचकर 8 से 10 हजार रूपए तक की कमाई होती थी। आरोपी पहले भी इस तरह की वारदात को अंजाम दे चुके हैं लेकिन वे पहले 4-5 गायों को ही जहर देकर मारे हैं। इस बार अधिक संख्या में मारने से पूरा खेल उजागर हो गया और आरोपियों का गिरोह पकड़ा गया।
