कोरबा। शासन प्रशासन ने शहर से लेकर गांव तक सरकारी अस्पताल की सुविधा दी है, ताकि लोगों आपात स्थिति में चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराया जाए। इसके बावजूद आज भी कई लोग स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं। ऐसा ही एक संवेदनशील मामला जिले के ढोढीपारा में सामने आया है। यहां एक नवजात की मौत ऑक्सीजन नहीं मिलने से हो गई। नवजात की स्थिति ज्यादा गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल भेजा गया, लेकिन इस बीच नवजात ने दम तोड़ दिया। परिजनों ने अस्पताल के स्टॉफ पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।
मिली जानकारी के अनुसार कोहड़िया निवासी प्रकाश कुमार ने अपनी गर्भवती पत्नी दिव्या को ढोढीपारा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया था। प्रसव के दौरान मामला बिगड़ गया। अंत में ऑपरेशन के बाद बच्चे का जन्म हुआ। जन्म लेते ही बच्चे की हालत बिगड़ गई। इस दौरान मौके पर कोई चिकित्सक मौजूद नहीं था। परिजन बच्चे की जान बचाने के लिए गुहार लगाते रहे। अंत में स्वास्थ्य कर्मियों ने नवजात को जिला अस्पताल ले जाने की सलाह दी। आनन फानन में परिजन ऑटो से नवजात को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, लेकिन तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी। बताया जा रहा है कि ऑक्सीजन मॉस्क नहीं लगाने की वजह से नवजात की मौत हुई है। परिजनों ने कभी सोचा भी नहीं था कि उनके घर का चिराग जन्म लेते ही आंखों से ओझल हो जाएगा। नवजात के माता पिता नवजात के शव से लिपटकर रोते दिखे।