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संघर्ष विराम के बाद बोले विदेश मंत्री- पाकिस्तान से केवल आतंकवाद और PoK खाली करने पर होगी बात

नई दिल्ली। भारत पाकिस्तान संघर्ष विराम के बाद उठ रहे सवालों का विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब दिया। उन्होंने साफ किया कि पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध और व्यवहार पूरी तरह से द्विपक्षीय होंगे। इसमें बिल्कुल भी बदलाव नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री ने भी स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान के साथ अब बातचीत केवल आतंकवाद और पीओके खाली करने पर होगी।

होंडुरास के दूतावास के उद्घाटन के अवसर पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के पास आतंकवादियों की एक सूची है जिसे उसे हमें सौंपना होगा। साथ ही उसे आतंकियों के बुनियादी ढांचे को बंद करना होगा। वे जानते हैं कि क्या करना है। हम उनके साथ आतंकवाद के बारे में चर्चा करने के लिए तैयार हैं। ये वे वार्ताएं हैं जो संभव हैं।

उन्होंने कहा कि सिंधु जल संधि स्थगित है और तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को रोका जाता। कश्मीर पर चर्चा के लिए केवल एक ही बात बची है, वह है पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना। हम इस चर्चा के लिए तैयार हैं।

संघर्ष विराम को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि यह साफ है कि गोलीबारी बंद करने की मांग कौन कर रहा था। हमने आतंकी ढांचे को नष्ट करके जो लक्ष्य निर्धारित किए थे, उन्हें हासिल कर लिया है। ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत में ही हमने पाकिस्तान को यह संदेश भेज दिया था कि हम आतंकी ढांचे पर हमला कर रहे हैं, न कि सेना पर और सेना के पास यह विकल्प है कि वह अलग खड़ी रहे और हस्तक्षेप न करे।

उन्होंने उस सलाह को न मानने का फैसला किया। एक बार 10 मई की सुबह उन्हें बुरी तरह से नुकसान पहुंचा। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि हमने कितना नुकसान पहुंचाया और उन्होंने कितना कम नुकसान किया। इसलिए यह स्पष्ट है कि गोलीबारी बंद करने की मांग कौन कर रहा था।  पहलगाम हमले पर विदेश मंत्री ने कहा कि हमें अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला है। हमने UNSC में प्रस्ताव पेश किया था कि अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और सात मई को उन्हें  ऑपरेशन सिंदूर के जरिये जवाबदेह ठहराया गया।

भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता जारी- भारत अमेरिका व्यापार वार्ता को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता चल रही है। ये थोड़ी कठिन है। जब तक सब कुछ तय नहीं हो जाता, तब तक कुछ भी कहा नहीं जा सकता। कोई भी व्यापार सौदा परस्पर लाभकारी होना चाहिए। यह दोनों देशों के लिए कारगर होना चाहिए। व्यापार सौदे से हमारी यही अपेक्षा होगी। जब तक यि लाभाकारी नहीं हो जाता, इस पर कोई भी निर्णय जल्दबाजी होगी।

होंडुरास के साथ हमारे मजबूत संबंध- होंडुरास दूतावास के उद्घाटन के दौरान  विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि अब हमारे पास होंडुरास का नया दूतावास है। यह उन देशों में से एक हैं जिन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के समय मजबूत एकजुटता व्यक्त की थी। वैश्विक दक्षिण सहयोग के हिस्से के रूप में हमारे विकासात्मक अनुभवों का आदान-प्रदान करने की संभावना है। हमने स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित किया। हम अब एक प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली स्थापित करने में लगे हुए हैं। इसका उद्देश्य आपदा के प्रति होंडुरास की तैयारियों को मजबूत करना है।

एस जयशंकर ने कहा कि वैश्विक मंच पर हमारे सहयोग का संयुक्त राष्ट्र सहित कई देशों ने समर्थन किया है। हम विभिन्न बहुपक्षीय गतिविधियों में होंडुरास से प्राप्त निरंतर समर्थन को महत्व देते हैं। होंडुरास में भारतीय प्रवासी कम हैं, लेकिन यह जीवंत है और यह स्थानीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते है और साथ ही दोस्ती के जीवंत पुल के रूप में कार्य करते हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले तीन दशकों में भारत और होंडुरास के आर्थिक संबंध लगातार बढ़े हैं। वे व्यापार, निवेश और तकनीकी सहयोग से मजबूत हुए हैं। द्विपक्षीय व्यापार आज 300 मिलियन डॉलर से थोड़ा अधिक है। हम होंडुरास को फार्मास्यूटिकल्स, कपड़ा, ऑटोमोबाइल और मशीनरी निर्यात करते हैं और होंडुरास से कॉफी, लकड़ी और चमड़ा आयात करते हैं। यह वाणिज्यिक आदान-प्रदान कृषि, व्यवसाय, नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य देखभाल, सूचना प्रौद्योगिकी और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में काफी संभावनाओं को उजागर करता है।

उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में होंडुरास के दूतावास के खुलने से व्यापार को बढ़ावा देने में काफी मदद मिलेगी। व्यवसायियों को दूतावास को मैचमेकिंग के केंद्र के रूप में उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जो अधिक पहल गतिविधियों और जुड़ावों को शुरू करने के लिए संस्थागत समर्थन प्रदान करेगा। उन्होंने होंडुरास के प्रतिनिधियों का आभार जताया।

विदेश मंत्री ने कहा कि मैं सबसे पहले पहलगाम में हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले पर होंडुरास की एकजुटता को स्वीकार करता हूं। हम आतंकवाद के विरोध में आपकी सार्वजनिक प्रतिबद्धता की सराहना करते हैं और इस तथ्य की भी कि यह ऐसी चीज है जो सभ्य दुनिया के किसी भी रूप में पूरी तरह से अस्वीकार्य है। हम आज अपने क्षेत्र में आतंकवाद से लड़ते समय आपके समर्थन और एकजुटता की बहुत सराहना करते हैं।

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