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चमत्कार! डॉ. ने कहा नो मोर…दस मिनट बाद धड़कने लगा नवजात बच्ची का दिल

मुजफ्फरपुर। नन्ही-सी जान ने अभी जिंदगी शुरू भी नहीं की थी कि डॉक्टर ने कह दिया, ’नो मोर’। इसे चमत्कार ही कहें कि दस मिनट बाद ही नवजात का दिल धड़कने लगा। उम्मीद तोड़ चुके स्वजन उसे लेकर एसकेएमसीएच पहुंचे। ऊपर के भगवान ने धड़कन लौटाई तो धरती के भगवान ने उसे अथक मेहनत से सहेज लिया। किलकारियां गूंजीं तो स्वजन के भी जान में जान आई।

मामला पूर्वी चंपारण जिले के चकिया का है। यहां के संदीप कुमार की पत्नी प्रियंका कुमारी को चकिया स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। चिकित्सक सामान्य प्रसव की बात कह रहे थे। संदीप कुमार के बड़े भाई राजू कुमार ने बताया कि दर्द तेज होने और कमजोर होने की वजह से चिकत्सक को बार-बार ऑपरेशन करने के लिए कहा जा रहा था। महिला चिकित्सक सामान्य प्रसव कराने की जिद पर अड़ी रही। जन्म के समय अंदर बच्ची फंस गई। उसे किसी तरह बाहर निकाला गया। इसके बाद चिकित्सक ने बच्ची को नहीं बचा पाने की बात कही। इस बीच 10 मिनट बाद अचानक उसकी धड़कन लौटी। बच्ची को लेकर एसकेएमसीएच आए। एनआइसीयू में बच्ची को भर्ती कर विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. प्रशांत झा, डॉ. वकास अहमद, डॉ. रंजीत की टीम ने इलाज शुरू किया।

शरीर में सर्कुलेट नहीं हो रहा था ब्लड

शरीर में ब्लड सर्कुलेट नहीं हो रहा था। एनआइसीयू में बच्ची को भर्ती कर करीब एक घंटे की कड़ी मेहनत के बाद बच्ची का पल्स लौट आया। एनआइसीयू में कोई वेंटिलेटर खाली नहीं था। सभी पर बच्चे भर्ती थे। चिकित्सकों ने मैनुअल वेंटिलेटर देना शुरू कर दिया।

करीब एक घंटे बाद बच्ची को पीकू के ट्राइएज में ट्रांसफर कर दिया। चिकित्सक के अनुसार, बच्ची की धड़कन नहीं थी। पल्स नहीं मिल रहा था। ब्लड सर्कुलेट नहीं हो रहा था। सीपीआर दिया गया, वेंटिलेटर खाली नहीं रहने के बाद मैनुअल सपोर्ट दिया गया। अधीक्षक डॉ. कुमारी विभा ने कहा कि चिकित्सक की टीम के आपसी समन्वय से नवजात शिशु की हालत में सुधार है।