रायपुर/जगदलपुर। सुकमा जिले के कोन्टा-एर्राबोरा मार्ग पर डोंड्रा के पास हुए आज सोमवार को नक्सलियों के बिछाए आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आकर कोंटा के एएसपी आकाशराव गिरीपुंजे वीरगति को प्राप्त हो गये। उनकी वीरगति न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि समूचे पुलिस बल के लिए एक अपूरणीय और अत्यंत पीड़ादायक क्षति है।
नक्सल संगठन पूरी तरह से कमजोर हो चुका है और उसमें अब सीधे सुरक्षा बलों से टकराने की हिम्मत नहीं बची है। इसी कारण वो हमारे जांबाज जवानों, वीर योद्धा और निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाकर आईईडी विस्फोट, ग्रामीणों की हत्या और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने जैसे कायरतापूर्ण षड्यंत्र रच रहे हैं। ये बातें बस्तर संभाग के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहीं।
उन्होंने कहा कि माओवादियों के इस कायराना हमले में एक ऐसे वीर योद्धा को खोना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है, जो हर चुनौती का साहसपूर्वक सामना करता था। यह बलिदान हमें भावुक करता है और साथ ही हमारे कर्तव्य के प्रति हमारे संकल्प को और अधिक दृढ़ बनाता है।
नहीं टूटेगा फोर्स का मनोबल- बस्तर संभाग के आईजी ने स्पष्ट किया कि माओवादियों के सुरक्षा बलों के मनोबल को तोड़ने का कोई भी प्रयास नाकाम रहेगा। माओवादियों का यह कायराना षड्यंत्र हमारे हौसले को नहीं तोड़ सकता। हमारी यह अटूट प्रतिबद्धता कि हम माओवाद का समूल नाश करेंगे। पहले से कहीं अधिक मजबूत हुई है।
नक्सल-मुक्त करने तक नहीं रुकेंगे कदम- सुंदराज ने कहा कि बस्तर पुलिस के जवानों एवं अधिकारियों और बस्तर रेंज में तैनात समस्त सुरक्षा बलों के मनोबल को बनाए रखने के अपील के साथ बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने स्पष्ट किया कि आकाश राव गिरीपुंजे का यह सर्वोच्च बलिदान हमें प्रेरित करता है। यह संदेश देता है कि हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक बस्तर को पूरी तरह नक्सल-मुक्त न कर दें। शत् शत् नमन उस अमर वीर को, जिन्होंने देश और समाज की रक्षा हेतु अपने प्राणों की आहुति दी। आकाश राव और अन्य शहीदों का बस्तर क्षेत्र में शांति, समृद्धि और विकास के उद्देश्य के लिए दिया गया सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा ।