लखनऊ। पीड़ितों व आम लोगों से पुलिस कर्मियों के दुर्व्यवहार के मामले तो आए दिन सामने आते रहते हैं। पुलिस अधिकारियों व कर्मियों द्वारा माननीयों से भी अच्छा व्यवहार न किए जाने की शिकायतें बढ़ रही हैं। शासन ने इसे बेहद गंभीरता से लिया है। माननीयों के प्रति शिष्टाचार व अनुमन्य प्रोटोकाल का अनुपालन सुनिश्चित कराए जाने के लिए एक बार फिर कड़े निर्देश दिए गए हैं।
शासन व डीजीपी मुख्यालय स्तर से पहले भी पुलिस कर्मियों को इसे लेकर निर्देश दिए जाते रहे हैं। प्रमुख सचिव, गृह संजय प्रसाद ने सभी पुलिस आयुक्तों, एसएसपी व एसपी को सांसदों व विधानमंडल के सदस्यों के प्रोटोकाल का अनुपालन कराए जाने को लेकर विस्तृत निर्देश दिए हैं। कहा है कि शासन व संसदीय अनुश्रवण समिति के समक्ष प्रोटोकाल उल्लंघन के मामले लगातार आ रहे हैं। कहा गया है कि सभी अधिकारी सांसदों व विधानमंडल के सदस्यों के सीयूजी नंबर अथवा उनके द्वारा नोट कराया गया अन्य मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से अपने मोबाइल में फीड करेंगे तथा काल आने पर उसे रिसीव करेंगे। बैठक में होने अथवा उपलब्ध न होने की स्थिति में काल की जानकारी होने पर प्राथमिकता पर जनप्रतिनिधि को संदेश भेजने के साथ ही काल कर बात करेंगे।
जनप्रतिनिधियों द्वारा फोन पर बताए गए प्रकरणों का यथाशीघ्र निस्तारण कराकर उन्हें जानकारी भी देंगे। इसके साथ ही जिले के अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के मोबाइल पर उनके क्षेत्र के माननीय का फोन नंबर फीड कराएंगे। यह भी कहा गया है कि जनप्रतिनिधि के जनहित से जुड़े कार्यों के संबंध में यदि अधिकारी व कर्मचारी से भेंट करने पर उन्हें सीट से खड़े होकर यथोचित सम्मान किया जाए। जनप्रतिनिधियों से वार्ता में यदि उनके अनुरोध अथवा सुझाव को स्वीकार करने में असमर्थ हों तो अधिकारी उसके कारणों से जनप्रतिनिधियों को विनम्रतापूर्वक अवगत कराएंगे। किसी अनुचित आचरण अथवा जानबूझकर की गई गलती को दुराचरण माना जाएगा और कार्रवाई होगी। जिलों में प्रोटोकाल से जुड़े मामलों के लिए हर दो माह में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक किए जाने का निर्देश भी दिया गया।