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उत्तर प्रदेश

एक लाख रुपये का इनामी गैंगस्टर विनोद उपाध्याय एनकाउंटर में ढेर

 उत्तर प्रदेश. सुलतानपुर जिले में शुक्रवार सुबह उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के साथ मुठभेड़ में एक लाख रुपये का इनामी बदमाश मारा गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। कोतवाली देहात थाना के प्रभारी श्याम सुंदर ने बताया कि अपराधी की पहचान विनोद कुमार उपाध्याय (37) के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि उपाध्याय और एसटीएफ के बीच थाना कोतवाली देहात क्षेत्र के हनुमानगंज बाजार बाईपास के पास हुई मुठभेड़ हुई। विनोद उपाध्याय ने साल 2007 में बीएसपी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था लेकिन वो हार गया था।

एसटीएफ चीफ अमिताभ यश ने को बताया कि एसटीएफ के साथ मुठभेड़ के दौरान उपाध्याय को गोली लग गई और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा ने बताया कि उपाध्याय के खिलाफ गोरखपुर, बस्ती, संत कबीर नगर और लखनऊ में जघन्य अपराधों के 35 मामले दर्ज थे। पुलिस के एक बयान में कहा गया है कि सितंबर 2023 में गोरखपुर पुलिस ने उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। पिछले कई महीनों से एसटीएफ माफिया विनोद उपाध्याय की तलाश कर रही थी।

एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक दीपक सिंह ने सुलतानपुर में पत्रकारों को बताया कि बृहस्पतिवार रात सटीक सूचना मिलने पर देहात कोतवाली थाना क्षेत्र में एसटीएफ और स्थानीय पुलिस ने उपाध्याय को घेर लिया और उसे आत्मसमर्पण करने को कहा लेकिन उसने आत्मसमर्पण करने के बजाय पुलिसकर्मियों पर गोली चलानी शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी बदमाश पर गोलियां चलाईं। पुलिस ने कहा कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और अपराधी के पास से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है।

7 महीने से ढूंढ रही थी एसटीएफ की टीम
उपाध्याय को 7 महीने से एसटीएफ और गोरखपुर क्राइम ब्रांच की टीम ढूंढ रही थी। विनोद उपाध्याय यूपी के माफियाओं की टॉप 10 लिस्ट में शामिल था। विनोद उपाध्याय अयोध्या जिले के पुरवा का रहने वाला था और बीते साल सितंबर महीने में यूपी पुलिस ने उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।

एक थप्पड़ ने बना दिया गैंगस्टर
विनोद उपाध्याय उस वक्त चर्चा में आया था जब उसने एक थप्पड़ मारे जाने की वजह से हत्या कर दी थी। विनोद उपाध्याय की लिए जुर्म की दुनिया में एंट्री इसी वारदात के जरिए हुई थी। दरअसल साल 2004 में गोरखपुर जेल में बंद अपराधी जीतनारायण मिश्र ने किसी बात पर विवाद होने के बाद उसे थप्पड़ जड़ दिया था।

अयोध्या का रहने वाला था विनोद उपाध्याय
जब अगले साल जीतनारायण मिश्र जेल से बाहर आया तो मौका देखकर विनोद उपाध्याय ने साल 2005 में संतकबीरनगर बखीरा के पास उसकी हत्या कर दी जिससे वो सुर्खियों में आ गया।

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