लखनऊ। डिजिटल अरेस्ट का नया और अनोखा मामला सामने आया है, जहां विक्टिम को बड़ी ही चालाकी से शिकार बनाया। विक्टिम एक युवती है जो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की रहने वाली है। पुलिस ने इस मामले को दर्ज कर लिया है।
लखनऊ में एक युवती को ढाई घंटे डिजिटल अरेस्ट करने के बाद लाखों रुपये ठग लिए गए। ठगी की शुरुआत एक अनजान नंबर से आने वाली कॉल्स से हुई। इस केस में युवती को डराया, धमकाया और आखिर में लाखों का चूना लगाया।
18 अक्टूबर को अनजान नंबर से आई कॉल
विक्टिम युवती को 18 अक्टूबर को अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को भारतीय टेलीकॉम रेगुलेटर टीआरएआई का कर्मचारी बताया। विक्टिम युवती को साइबर ठगों ने जाल में फंसाने के लिए, युवती से कहा कि आपके आधार कार्ड पर दो सिम कार्ड रजिस्टर्ड है। इसमें बताया है कि दूसरा नंबर का इस्तेमाल गैर कानूनी काम में शामिल बताया। महिला ने बताया कि उसके पास ऐसा कोई नंबर नहीं है।
फेक पुलिस ऑफिसर को ट्रांसफर की कॉल
इसके बाद युवती का कॉल फेक मुंबई पुलिस के ऑफिस में ट्रांसफर कर दी गई। जहां विक्टिम युवती से फर्जी पूछताछ हुई। जालसाजों ने अपने आपको मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया। दूसरे मोबाइल नंबर का प्रयोग मनी लॉन्ड्रिंग में हुआ है.
2 घंटे तक रखा डिजिटल अरेस्ट
एक बार झांसे में आने पर आरोपियों ने युवती को करीब दो घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा। इसके बाद बैंक अकाउंटों से कुल 1.24 लाख रुपये ट्रांसफर करवाया और फ़ोन स्विच ऑफ कर लिया। इसके बाद महिला को समझ आया है कि वह डिजिटल अरेस्ट स्कैम का शिकार हो चुकी हैं।