राजस्थान के टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर मतदान के दौरान एसडीएम को थप्पड़ जड़ने वाला निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को पुलिस ने हिरासत में लिया है। कोर्ट ने मीणा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
पुलिस ने थप्पड़कांड के आरोपी नरेश मीणा के खिलाफ हत्या के प्रयास सहित 10 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। इनमें से 8 धाराएं नए बीएनएस कानून और 2 पूर्व के आईपीसी कानून के तहत जोड़ी गई हैं। अजमेर रेंज आईजी ओमप्रकाश ने बताया कि नरेश मीणा के खिलाफ 2 दर्जन से अधिक मुकदमे हैं, जिसमें उनकी गिरफ्तारी पेंडिंग है। मामले में 60 और लोग शामिल थे, उनके खिलाफ भी मुकदमे दर्ज किए गए हैं। अब तक इस मामले में 50-60 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।
कैसे हुई बवाल की शुरुआत?
दरअसल, 13 नवंबर को देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान हो रहा था। समरावता गांव में लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर धरना शुरू किया था। इस धरने में देवली-उनियारा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा अपने समर्थकों और ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठा था। इस दौरान मीणा ने पोलिंग बूथ पर मौजूद अधिकारियों पर जबरन मतदान करने का आरोप लगाया और अंदर घुसने लगे।
एसडीएम अमित चौधरी ने नरेश मीणा को रोकने का प्रयास किया, इस दौरान उनके साथ कुछ कहासुनी हुई और मीणा ने थप्पड़ जड़ दिया। कुछ देर चले हंगामें के बाद मामला शांत हुआ, लेकिन वोटिंग खत्म होने के बाद विरोध कर रहे ग्रामीणों ने पोलिंग पार्टी को रोकने का प्रयास किया।
लोगों ने एसपी विकास सांगवान की गाड़ी तोड़ दी। हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने रात करीब 9.30 बजे मीणा को हिरासत में ले लिया। लेकिन, उसके समर्थकों को जानकारी लगते ही वे भड़क गए। सैकड़ों की भीड़ ने पुलिस को घेर लिया और समर्थक नरेश मीणा को छुड़ाकर ले गए। पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज किया तो उन्होंने पथराव और आगजनी शुरू कर दी। इसमें 10 पुलिसकर्मी समेत 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
समर्थकों ने 100 से वाहन फूंके – समरावता में भड़की हिंसा के बाद नरेश मीणा के समर्थकों ने 100 से ज्यादा कार, बाइक और जीपों में आग लगा दी। हालात काबू में करने के लिए इलाके में इंटरनेट बंद कराया और रात करीब 12 बजे के बाद पुलिस ने गांव में दबिश देना शुरू की। रातभर दबिश और गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी रहा। पुलिस फरार हुए नरेश मीणा को भी तलाश कर रही थी, लेकिन वह हाथ नहीं लगा। प्रशासन की ओर से इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।