न्यूज डेस्क। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने आधिकारिक तौर पर ऐलान किया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने अंडमान सागर, निकोबार द्वीप और दक्षिण बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में समय से पहले दस्तक दे दी है। आमतौर पर मानसून अंडमान क्षेत्र में 18-19 मई तक पहुंचता है, लेकिन इस बार यह करीब एक सप्ताह पहले आ गया है।
आईएमडी के अनुसार, पिछले दो दिनों से निकोबार द्वीपों में लगातार मध्यम से भारी बारिश हो रही है, जो मानसून की सक्रियता का मजबूत संकेत है। इस दौरान हवाएं भी तेज गति से चल रही हैं, जिनकी रफ्तार समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर 20 नॉट्स से अधिक दर्ज की गई है और यह प्रभाव 4.5 किमी ऊंचाई तक देखा गया।
ओएलआर में गिरावट
आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन (ओएलआर) में भी गिरावट आई है। बीते 48 घंटों में इसमें उल्लेखनीय कमी देखी गई है, जो मानसून की सक्रियता का प्रमुख संकेत माना जाता है। यह बदलाव मानसून की प्रगति को दर्शाता है और इसके आगे बढ़ने की संभावनाओं को मजबूत करता है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, यह बदलाव मानसून के आगमन और सक्रियता के लिए अनुकूल परिस्थितियों का संकेत देता है।
27 मई को केरल पहुंचेगा मानसून
आईएमडी ने अपने लेटेस्ट अपडेट में कहा है कि ’दक्षिण-पश्चिम मानसून के 13 मई 2025 को दक्षिण अंडमान सागर, दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी और निकोबार द्वीप समूह में आगे बढ़ने की प्रबल संभावना है। इसके साथ ही संभावना जताई जा रही है कि मानसून इस बार 27 मई तक केरल पहुंच जाएगा, जो सामान्य समय (1 जून) से करीब 5 दिन पहले है।
पूरे देश में सामान्य से अधिक वर्षा की उम्मीद
आईएमडी की लंबी अवधि की भविष्यवाणी के अनुसार, इस बार पूरे भारत में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना हैं। इससे देश के विभिन्न हिस्सों में चल रही भीषण गर्मी से राहत मिलेगी और कृषि क्षेत्र को भी लाभ पहुंचेगा।