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भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंक के अड्डों पर कहर बरपाया, आतंकी मसूद अजहर के परिवार के 10 लोगों की मौत

नई दिल्ली ।  इंडियन एयरफोर्स ने मंगलवार आधी रात 1:05 बजे पाकिस्तान और पीओके, यानी पाक अधिकृत कश्मीर के भीतर एयर स्ट्राइक की। इस हमले में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया है। इसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं। इनमें लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर हाफिज अब्दुल मलिक भी शामिल हैं। मलिक मुरिदके स्थित मरकज तैयबा एयर स्ट्राइक में मारा गया। भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में जैश के ठिकानों पर हमला किया, जिसमें मसूद अजहर के परिवार को निशाना बनाया गया। अजहर ने दुख जताते हुए कहा, काश मैं भी मारा गया होता।

बीबीसी ऊर्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर ने कहा है कि सुब्हान अल्लाह मस्जिद पर किए गए हमले में उसके परिवार के 10 सदस्य और चार करीबियों की मौत हो गई।

भारत की ये जवाबी कार्रवाई पहलगाम हमले के 15 दिन बाद की गई है और इसका नाम दिया है ‘ऑपरेशन सिंदूर’। ये नाम उन महिलाओं को समर्पित है, जिनके पतियों की पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों ने हत्या कर दी थी। इस बीच, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान अपनी हिफाजत कर सकता है, लेकिन भारत रुक जाता है तो हम भी रुक जाएंगे।

पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के डॉयरेक्टर लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा, भारत ने 24 मिसाइलें दागी हैं। न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पीएम मोदी ऑपरेशन सिंदूर को पूरी रात मॉनिटर करते रहे। सेना ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें विदेश विक्रम मिसरी और आर्मी की कर्नल सोफिया कुरैशी और एयरफोर्स से विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी। सबसे पहले एयर स्ट्राइक का 2 मिनट का वीडियो प्ले किया गया। इसमें आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की कार्रवाई दिखाई गई।

कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि रात 1:05 बजे और 1:30 बजे के बीच ऑपरेशन हुआ। 25 मिनट में पाकिस्तान और पीओके में 9 टारगेट पहचाने गए थे। इन्हें हमने तबाह कर दिया। लॉन्चपैड, ट्रेनिंग सेंटर्स टारगेट किए गए। पीओके में मुजफ्फराबाद स्थित लश्कर के सवाई नाला ट्रेनिंग सेंटर को सबसे पहले निशान बनाया गया। सोनमर्ग, गुलमर्ग और पहलगाम हमले के आतंकियों ने यहीं ट्रेनिंग ली।

मुजफ्फराबाद का सैयदना बिलाल कैंप यहां हथियार, विस्फोटक और जंगल सर्वाइवल की ट्रेनिंग दी जाती थी। कोटली का लश्कर का गुरपुर कैंप पूंछ में 2023 में श्रद्धालुओं पर हमला करने वाले आतंकी यहीं ट्रेंड हुए थे। भिम्बर का बरनाला कैंप यहां हथियार चलाना सिखाया जाता है। कोटली का अब्बास कैंप यह एलओसी से 13 किमी दूर है। फिदायीन तैयार होते हैं। सियालकोट का सरजल कैंप  मार्च 2025 में पुलिस जवानों की हत्या के आतंकवादियों को यहीं ट्रेन किया गया था। सियालकोट का हिजबुल महमूना जाया कैंप पठानकोट हमला यहीं प्लान किया गया। मुरीदके का मरकद तैयबा कैंप  अजमल कसाब और डेविड कोलमैन हेडली यहीं ट्रेन हुए थे। मस्जिद सुभानअल्लाह भावलपुर जैश का हेडक्वार्टर था। रिक्रूटमेंट, ट्रेनिंग दी जाती थी। बड़े अफसर यहां आते थे।

एक चुपचाप शुरू किया गया ऑपरेशन, और फिर रात के सन्नाटे में गूंजे मिसाइलों के धमाके। भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंक के अड्डों पर कहर बरपा दिया है। इस हमले की सबसे बड़ी मार पड़ी है जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के परिवार पर। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो खुद अजहर ने इस बात की पुष्टि की है कि इस भारतीय हमले में उसके 10 पारिवारिक सदस्य और 4 करीबी सहयोगी मारे गए हैं।

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