राजगढ़। जिले में एक अनोखा विवाह देखने को मिला है, जहां पर एक दुल्हन की शादी के पहले 24 अप्रैल को अचानक तबीयत खराब हो गई, जिसके चलते उन्हें ब्यावरा के पंजाबी नर्सिंग होम में भर्ती करना पड़ा। ऐसे में अक्षय तृतिया पर विवाह का मुहूर्त होने के चलते दूल्हा घोड़ी पर सवार होकर बैंड बाजा के साथ बारात लेकर अस्पताल जा पहुंचा। अस्पताल परिसर में ही दुल्हन को गोद में उठाकर सात फेरे ले लिए।
चिकित्सकों ने विवाह की तिथि आगे बढ़ाने का सुझाव दिया, लेकिन अक्षय तृतीया का विशेष मुहूर्त होने की वजह से वर-वधु पक्ष ने विवाह टालना उचित नहीं समझा। ऐसे में, अस्पताल में ही विवाह करने का रास्ता निकाला गया। बैंड-बाजों के साथ दूल्हे को घोड़ी पर सवार होकर आया तो अस्पताल में सभी अचरज में पड़ गए। कस्बा ब्याबरा के पंजाबी अस्पताल में बुधवार को यह विवाह हुआ।
दूल्हा आदित्य सिकरवार ने दुल्हन नंदनी सोलंकी के विवाह के लिए अस्पताल प्रबंधन ने भरपूर सहयोग दिया। नर्सिंग होम को विवाह स्थल में तब्दील कर दिया। नतीजतन, अस्पताल में मंडप लगाने के साथ ही मुख्य गेट पर तोरण बांधकर विवाह संपन्न करवाने की तैयारी की गई। यहीं विवाह की रस्में पूरी की गईं।
अस्पताल स्टाफ शादी में हुआ शामिल
दुल्हन इस स्थिति में नहीं थी कि वह दूल्हे के साथ अपने पैरों पर सात फेरे ले सके। ऐसे में दूल्हे ने दुल्हन को गोदी में उठाया और अग्नि के सात फेरे लेने की रस्म को पूरी की। वर व वधू पक्ष के अलावा अस्पताल स्टाफ ने भी पुष्पवर्षा करते हुए नवयुगल को आशीर्वाद प्रदान किया।
अस्पताल में ही विवाह कराना पड़ा
परिजनों ने बताया कि दोनों के विवाह का मुहूर्त अगले दो साल तक नहीं था, इसलिए अस्पताल में ही विवाह कराना पड़ा, लेकिन विवाह के पश्चात बरात बिना दुल्हन के रवाना हुई। चिकित्सकों के अनुसार, दुल्हन को पूरी तरह से स्वस्थ होने में कम से कम दो दिन और लगेंगे।