दमोह। प्रदेश के सबसे बड़े वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व से खुशखबरी सामने आई है। यहां के नौरादेही अभ्यारण्य की बाघिन एन-112 ने दूसरी बार चार शावकों को जन्म दिया है। यह एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है क्योंकि महज सात साल के अंदर यह जंगल बाघों से आबाद हो गया है। टाइगर रिजर्व में अब बाघों की संख्या 24 पहुंच गई है। वहीं, नौरादेही को आबाद करने वाली पहली बाघिन राधा फिर से नानी बन गई है।
बता दें कि बाघिन एन-112, टाइगर रिजर्व की पहली बाघिन एन-1 राधा की संतान है। बाघिन राधा को 2018 में नर बाघ एन-2 किशन के साथ रिजर्व में लाया गया था। एन-1 और एन-2 की जोड़ी ने पहली बार तीन शावकों को जन्म दिया था और नौरादेही के जंगल में पहली बार बाघ का परिवार देखा गया था। इनके नाम रखे गए थे एन-111, एन-112 और एन-113। अब एन-112 खुद दूसरी बार मां बनकर अपनी मां राधा की विरासत को आगे बढ़ा रही है। टाइगर रिजर्व की टीम ने शनिवार को ट्रैप कैमरे की निगरानी में एन-112 को पहली बार अपने चार नवजात शावकों के साथ देखा। वह घने जंगल के छायादार क्षेत्र में अपने बच्चों को दूध पिलाते और आराम फरमाते नजर आई।
रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. एए अंसारी के अनुसार एन-112 के सभी शावक स्वस्थ हैं। अभी इनकी सही लोकेशन की जानकारी नहीं दी जा सकती। सुरक्षा के मद्देनजर निगरानी बढ़ा दी गई है।
बाघों की संख्या हुई 24- बता दें वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व में 2019 से अब तक का सफर एक सफल ब्रीडिंग प्रोजेक्ट की मिसाल बन चुका है। एन-1 ने दो बार शावकों को जन्म दिया, जिसमें पहली बार में 3 और दूसरी बार में 4 शावक जन्मे। वहीं एन-111 ने मई 2023 में चार शावकों को जन्म दिया था। एन-112 ने नवंबर 2023 में पहले चार और मई 2025 में फिर चार शावकों को जन्म दिया है। इस तरह अब कुल बाघों की संख्या 24 हो चुकी है, जिसमें प्राकृतिक जन्म से हुई बढ़ोतरी के साथ-साथ प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व से लाए गए बाघ-बाघिन भी शामिल हैं।