कोरबा। करीब ढाई साल तक इंतजार करने के बाद एक बार फिर सिटी बस सेवा जिले में शुरू कर दी गई है। इससे यात्रियों को सस्ती व सुलभ सेवा मिलने लगी है। इधर प्राइवेट बस संचालकों ने सिटी बस के रूट को लेकर विरोध शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि पुराने ढर्रे पर फिर से सिटी बस का परिचालन किया जा रहा है। कटघोरा व चांपा रूट पर अधिकांश निजी बस चलते हुए गंतव्य तक आवाजाही करते हैं, वहीं सिटी बस सेवा के अंतर्गत शहरी क्षेत्र के बजाए स्टेट कैरिज रूट पर आने वाले कटघोरा व चांपा रूट पर ही अधिकांश सिटी बसें चल रही हैं। कटघोरा रूट पर हर 10 मिनट में निकलने वाले निजी बसों के बीच अब सिटी बस भी चलने लगी है। समय का अंतराल कम होने के कारण सवारी के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। इसी कारण सिटी बस व निजी बस के कर्मचारियों के बीच आए दिन विवाद होने लगा है। निजी बस संचालकों का कहना है कि पुराना बस स्टैंड के अंदर भी सिटी बसें खड़ी होने लगी है। टकराव की स्थिति को देखते हुए निजी बस मालिक स्टेट कैरिज रूट पर सिटी बस के परिचालन के विरोध में फिर से हड़ताल में जाने की तैयारी कर रहे हैं। निजी बसों को जिला परिवहन अधिकारी के कार्यालय के सामने खड़ी कर व्यवस्था सुधारने की मांग की जा रही है। मामले को लेकर प्रदेश बस मालिक संघ ने 25 मार्च को रायपुर में बैठक बुलाई है, बैठक में जिला स्तर पर या प्रदेश व्यापी बस हड़ताल की घोषणा की जा सकती है। निजी बस संचालकों के अनुसार शहर के नया व पुराना बस स्टैंड से प्रतिदिन 2 सौ निजी बसों की आवाजाही होती है। निजी बसों का सबसे ज्यादा दबाव कोरबा-कटघोरा व कोरबा-चांपा रूट पर है। जो स्टेट कैरिज रूट है, इसलिए कटघोरा रूट पर प्रत्येक 10 मिनट में एक निजी बस चलती है। चांपा रूट पर प्रत्येक 15 मिनट पर।
नया परमिट नहीं, पूर्व के अनुसार ही बसों का संचालन सिटी बस सेवा के नोडल अधिकारी एके शर्मा का कहना है कि सिटी बस सेवा के पुनर्संचालित के लिए कोई नया परमिट नहीं लिया गया है। पुराने परमिट का ही नवीनीकरण कराया गया है। इसलिए पूर्व के अनुसार ही सिटी बसों का संचालन किया जा रहा है। निजी बस मालिकों का सिटी बस ऑपरेटर को बढ़ावा देने का आरोप सरासर गलत है। आगे जरूरत के हिसाब से नए रूट के लिए परमिट लिए जाएंगे।
