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कोरबा

एनटीपीसी के भू-विस्थापित 30 जनवरी से करेंगे आमरण अनशन

  • कलेक्टर कार्यालय के सामने करेंगे प्रदर्शन

कोरबा. सार्वजनिक क्षेत्र के वृहद उपक्रम एनटीपीसी के कोरबा स्थापित संयंत्र कोरबा सुपर थर्मल पावर स्टेशन की स्थापना हेतु शासकीय भूमि के अलावा अनेक निजी भूमि स्वामियों की भी निजी भूमियो का अधिग्रहण किया था, उस दौरान भोले-भाले माटीपुत्रो को जमीनों के मुवाअजे के अतिरिक्त युक्तायुक्त रोजगार व्यवस्थापन और अन्य सुविधाएं भी प्रदान करने का वायदा किया गया था। किन्तु भू-अर्जन से प्रभावित माटीपुत्रो का खुला आरोप हैं की न तो उन्हें पर्याप्त मुआवजा मिला न ही व्यवस्थापन और न ही रोजगार मिला। इन्ही बातो को लेकर वे लगातार संघर्षरत रहे, मगर अंचल की बौनी राजनैतिक हैसियत इन्हे न संरक्षण दे पायी और न ही सुविधा और अब निराश हताश बेबस अपनी ही जमीनों को खोकर ये लोग राजनीतिज्ञो की चौखटों पर लगातार दस्तक देने के बावजूद अपने ही अधिकारों को पुनर्स्थापित कराने फैसलाकुन समर में उतर रहे हैं, इसी कड़ी में उन्होंने 30 जनवरी से कलेक्टर कार्यलय के सामने आमरण अनशन शुरू करने का फैसला लिया है। इसके अलावा वे मुख्यमंत्री निवास तक पैदल मार्च भी करेंगे।

प्राचीन ग्राम चारपारा के आक्रोशित भू-विस्थापित राजन कुमार पटेल, घसियाराम केवट, मथुरा कुमार केवट, रामायण प्रसाद केवट व शुभम केवट सहित अन्य का कहना है कि पूर्व कलेक्टर सहित एनटीपीसी के अधिकारियों ने बार-बार झूठा आश्वसन देकर रोजगार उपलब्ध कराने का वादा किया, किन्तु कोई कार्यवाही अब तक नहीं हुई है, जिसके कारण वे अपने आंदोलन का विस्तार कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन और एनटीपीसी प्रबंधन पर आरोप लगाते हुये कहा है कि एनटीपीसी में भू-विस्थापित रोजगार बंद हो चुका कहकर उनके अधिकार का हनन किया जा रहा है। जबकि 2015 में सीपत-बिलासपुर एनटीपीसी के भू-विस्थापितो को कोरबा-एनटीपीसी में भर्ती किया गया। इसके अनुसार राज्यपाल के द्वारा भू-विस्थापितों नौकरी देने आदेशित किया है। मांग पूरी नहीं होने से नाराज भू-विस्थापितों ने आमरण अनशन और मुख्यमंत्री निवास तक पैदल मार्च की चेतावनी दी है।

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