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कोरबा

जिला मुख्यालय में पहाड़ी कोरवाओं के नाम पर सामुदायिक भवन नहीं, मनीराम ने कलेक्टर को लिखा पत्र

कोरबा। आजादी के 75 वर्ष बाद भी कोरबा जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के पहाड़ी कोरवा समुदाय के लोगों के लिए आज पर्यंत तक जिला मुख्यालय में सामुदायिक भवन नहीं बन पाया है। इस गंभीर समस्या को लेकर कोरबा जिले के कलेक्टर संजीव कुमार झा के समक्ष पहाड़ी कोरवा समुदाय के प्रतिनिधिमंडल पहुंचा था। मामले को अखिल भारतीय सतनामी युवा कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष मनीराम जांगड़े ने गंभीरता से लेतेे हुए पत्र लिखकर मांग की है कि जिन पहाड़ी कोरवाओं के नाम से आज कोरबा कहलाता है, उन्हीं की समस्याओं का आज तक निराकरण नहीं हो सका है।पहाड़ी कोरवा समुदाय के प्रतिनिधि पहाड़ी कोरवा धर्म सिंह ने कलेक्टर को अवगत कराया कि जिला मुख्यालय से लगभग 40 से 50 किलोमीटर दूर हमारे समाज के लोग निवास करते हैं। .और आज की स्थिति में हमारे परिवार के कई युवा कोरबा शहर के विभिन्न स्थानों में रोजी मजदूरी करने आते हैं। साथ ही जिला चिकित्सालय में हमारे परिवार के किसी सदस्य का स्वास्थ्य खराब हो जाने पर उनके साथ कई दिनों तक रहना पड़ता है। शासन प्रशासन की योजनाओं की जानकारी एवं उनका लाभ लेने जिला मुख्यालय आते हैं और काम पूरा होने के बाद हमें लंबा सफर तय करना पड़ता है। हमें किसी प्रकार का कोई साधन उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण हम फुटपाथ में रात बिताते हैं। अगर पहाड़ी कोरवा समाज के नाम से जिला मुख्यालय में 4 कमरे का सामुदायिक भवन बन जाता है तो कम से कम रात में रूककर आराम कर सकते हैं और सुबह होने पर अपने गृह ग्राम के लिए वापस जा सकते हैं। अखिल भारतीय सतनामी युवा कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष मनीराम जांगड़े ने कलेक्टर को अवगत कराया कि एक ओर जहां जिला मुख्यालय में शायद ही कोई समाज होगा, जिनके नाम से सामाजिक भवन ना बना हो, लेकिन पहाड़ी कोरवाओं के लिए आज तक जिला मुख्यालय में भवन नहीं बन पाना बड़ा ही खेद का विषय है। समस्या को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर श्री झा ने अभिलंब भूमि तलाश कर पहाड़ी कोरवा के लिए सामुदायिक भवन बनाने हेतु अपने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देशित किया। कलेक्टर जनदर्शन में पहाड़ी कोरवा राम सिंह, धर्म सिंह, बालक राम बंधन सिंह, संपत लाल, कार्तिक राम, राम चरण, मझानू राम, संत कुमार, बिरन सिंह, ननकीराम आदि उपस्थित थे।

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