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कोरबा

कनकेश्वरधाम धाम में महाशिवरात्रि पर्व का आयोजन 18 फरवरी से

कोरबा। जिला मुख्यालय कोरबा से लगभग 20 किलोमीटर दूर ग्राम कनकी स्थित कनकेश्वर धाम में महाशिवरात्रि पर्व पर मेला का आयोजन 18 फरवरी से किया जा रहा है। कनकेश्वर धाम में भगवान शिव का एक पुराना मंदिर है। इसे भुईफोड़ महादेव के नाम से भी जाना जाता है। सावन मास एवं महाशिवरात्रि में लाखों श्रद्धालु कनकेश्वर महादेव के दर्शन व पूजन के लिए आते हैं। महाशिवरात्रि पर यहां प्रतिवर्ष विशाल मेला का आयोजन किया जाता है।युवा संगठन कनकेश्वर सेवा समिति के सदस्यों ने बताया कि कनकेश्वर महादेव मंदिर परिसर में 18 फरवरी से 24 फरवरी तक भव्य मेला का आयोजन किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार कनकेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना 13वीं शताब्दी में की गई थी, लेकिन पुरातात्विक विभाग ने इसकी पुष्टि नहीं की है। मंदिर की दीवारों और चौखटों पर पुरातात्विक मंदिरों तुमान, पाली जैसे सुंदर उत्कीर्णन और आकृति देखने को मिलती है। मंदिर को छत्तीसगढ़ पुरातत्व विभाग द्वारा एक संरक्षित मंदिर का दर्जा प्राप्त है। मंदिर के उत्पत्ति का इतिहास है कि एक गाय प्रतिदिन एक स्थान पर स्थित शिवलिंग में दूध चढ़ाने जाती थी। एक दिन ग्वाले ने उसे देख लिया और जिस जगह गाय दूध चढ़ा रही थी, वहां डंडे से प्रहार कर दिया। उस स्थान पर कनकी या चांवल का दाना मिला। उस स्थान की साफ-सफाई की गई तो वहां से एक शिवलिंग मिला। इसके बाद यहां एक मंदिर बनवाया गया और कनकी या चांवल के दाने के आस-पास होने के कारण इसे कनकेश्वर महादेव का नाम दिया गया। तब से आज तक यहां महाशिवरात्रि पर्व पर भव्य मेला का आयोजन किया जा रहा है। दूसरे राज्यों से भी लाखों लोग कनकेश्वर का दर्शन करने आते हैं। मेले में दुकान, झूला, सर्कस आदि से सजाया गया है। मंदिर के पुजारी पुरूषोत्तम प्रसाद ने बताया कि महाशिवरात्रि पर भगवान शिवजी की पूजा उपासना आदि करने से हर तरह की परेशानियां दूर होती है।

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