रायपुर/कोरबा। “मध्य भारत का फेफड़ा-हसदेव” नामक विश्व स्तरीय काव्यमयी, गद्यमयी साझा काव्य ग्रंथ का विमोचन किया गया। यह काव्य ग्रंथ प्रकृति संरक्षण व संवर्धन पर आधारित विश्व की पहली काव्य पुस्तक है, जिनके संपादक एसईसीएल मानिकपुर क्षेत्र कोरबा की रहने वाली डॉ.आशा आजाद हैं। विमोचन का भव्य कार्यक्रम 19 जनवरी 2025 (रविवार) को रायपुर के सिविल लाईन स्थित वृंदावन हॉल में संपन्न हुआ।
इस किताब के विमोचन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री अरुण साव , अतिविशिष्ट अतिथि सांसद बृजमोहन अग्रवाल , विशिष्ट अतिथि राजेश्री महंत रामसुंदर दास महाराज (दूधाधारी मठ व पूर्व विधायक), डॉ.विनय पाठक (पूर्व अध्यक्ष, राजभाषा आयोग छ.ग.), डॉ स्नेहलता पाठक (छत्तीसगढ़ की प्रथम हास्य व्यंग्यकार), रामेश्वर शर्मा (वरिष्ठ गीतकार, साहित्यकार, समीक्षक), बी. आर. बिश्नोई जी (चीफ मैनेजर माइनिंग), डॉ.सत्यजीत साहू (एमडी गुडविल हॉस्पिटल, रायपुर), मंगल उरांव (उपमहाप्रबंधक, भटगांव क्षेत्र), डॉ. सोनल शर्मा (गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड प्रभारी छ.ग.) मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. उदयभान सिंह चौहान (भागीरथ, छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण) ने की। आयोजक राजकुमार छापड़िया (साहित्यकार, मुंबई) उपस्थित रहे।
यह आयोजन छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान की प्रदेश संयोजिका व संपादक डॉ.आशा आजाद “कृति” के द्वारा किया गया था। यह एकदिवसीय आयोजन दो सत्रों में किया गया। कार्यक्रम का प्रथम सत्र माँ सरस्वती की छायाचित्र पर दीप प्रज्वलन और राजकीय गीत के साथ शुरू हुआ। अतिथियों का स्वागत छत्तीसगढ़िया गमछा व पुष्प गुच्छ से किया गया। तत्पश्चात विश्व स्तरीय काव्य ग्रंथ “मध्य भारत का फेफड़ा-हसदेव” जो एक विश्व स्तरीय विशाल काव्यमयी संकलन है, जिसका मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ हसदेव अरण्य जो आज खतरे में है उसके संरक्षण और संवर्धन के साथ अरण्य को नष्ट होने से बचाने को लेकर लिखी गई है।
इस पुस्तक को वन्य संरक्षण पर आधारित पहली कविता संग्रह होने के कारण छत्तीसगढ़ की गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड की प्रभारी डॉ. सोनल शर्मा द्वारा “गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड” से पुरस्कृत किया गया। इस काव्य संग्रह में छत्तीसगढ़ राज्य ही नहीं वरन देश-विदेश से कुल 101 साहित्यकार शामिल हुए है, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न जिलों से 91, देश के अन्य राज्यों से 8, आस्ट्रेलिया से 1 और कैलिफोर्निया से 1 साहित्यकार सम्मिलित हैं। जिन्होने अपनी सुगंधित रचनाओं के माध्यम से काव्यमयी ग्रंथ को सुशोभित किया, उन सभी 101 साहित्यकारों को राज्य व राष्ट्रीय स्तर के सम्मान के साथ ही विश्व स्तरीय गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के सम्मान पत्र एवं प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया गया। सभी आगंतुक अतिथियों द्वारा उक्त काव्य संग्रह की महत्ता और उपयोगिता को बताकर अपने-अपने विचार रखते हुए सभी साहित्यकारों एवं आयोजक समिति को बधाई और शुभकामनाएं दी गई।
द्वितीय सत्र में देशभर से आए सभी साहित्यकारों द्वारा विश्व स्तरीय कवि सम्मेलन का आयोजन भी हुआ, जिसमें प्रथम सत्र में उपस्थित अतिथियों के साथ ही अन्य अतिथि के रूप में श्रीमती उषा सिंह (दिल्ली), राजकुमार छापड़िया (मुंबई) भी मंचासीन रहे। सभी कवि/साहित्यकारों ने अपनी एक-एक प्रतिनिधि रचना पढ़कर, हंसते-गुदगुदाते और कई गंभीर मुद्दों पर चिंतन करने पर मजबूर करते हुए कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। यह आयोजन देर शाम तक चलती रही। कार्यक्रम के समापन पर आभार प्रदर्शन करते हुए किताब की संपादक डॉ. आशा आजाद “कृति” ने कहा कि यह किताब पूर्णतः जनहित उत्थान के ध्येय को केन्द्रित करके लिखी गई है, काव्यात्मक और गद्य भावाभिव्यक्तियों में शुभ संदेश निहित है जो प्रकृति के संरक्षण, संवर्धन में विश्व स्तर पर अमूल्य भूमिका निभाएगी।