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कोरबा

भू-माफियाओं का कारनामा : टावर का पैसा दिलाने के नाम पर खातेदारों से करवा लिया दस्तखत, बेची 60 डिसमिल जमीन

0 गृहमंत्री से लगाई न्याय की गुहार, दोषियों पर अपराध दर्ज करने रखी मांग
कोरबा। 
जिले में भूमाफियाओं का एक तरफा राज चल रहा है। वे दूसरों की जमीनों से उगाही करने के लिए एक से बढ़कर एक हथकंडे अपना रहे हैं। करतला विकासखण्ड के ग्राम पंचायत रामपुर में एक ऐसा ही बड़ा फर्जीवाडा सामने आया। संयुक्त खातेदार भू-स्वामियों से टॉवर में अधिग्रहित भूमि का मुआवजा दिलाने के नाम पर धोखे से उनका दस्तखत करवाकर 60 डिसमिल जमीन की बिक्री कर दी गई। प्रकरण में पीड़ित ने रजिस्ट्री निरस्त कर जमीन वापस दिलाने एवं धोखाधड़ी करने वालों पर अपराध दर्ज करने की मांग प्रदेश के गृहमंत्री से की है।गृहमंत्री को प्रेषित शिकायत पत्र के अनुसार करतला ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत रामपुर में निवासी छविलाल केंवट पिता प्रताप सिंह ने लिखित शिकायत पत्र प्रस्तुत करते हुए बताया कि वह कक्षा तीसरी तक पढ़ा है। वह दस्तखत करना जानता है, किंतु उसे पढ़ना नहीं आता। उसके साथ सहखातेदार देवप्रसाद, हेमलता और केतकी बाई के संयुक्त स्वामित्व में ग्राम जोगीपाली, पटवारी हल्का नम्बर 36 में भूमि खसरा क्रमांक – 895 शामिल खसरा क्रमांक (896/3, 904/2) रकबा 0.2430 है। खसरा नम्बर 412/3 रकबा 0.0160, 883/1 (शामिल खसरा नम्बर 110/1) रकबा 1.538 है। खसरा नम्बर 906 रकबा 0.05340 कुल 1.8504 हेक्टेयर (4 एकड़ 57 डिसमिल) भूमि स्थित है। जिसमें प्रार्थी सहित सहखातेदार काबिज कारत होकर कास्तकारी करते चले आ रहे हैं। शिकायत पत्र में उल्लेखित किया गया है कि प्रार्थी और उसके साथ सहखातेदारों के अनपढ़ होने का फायदा उठाते हुए अधिवक्ता प्रेमसिंह केंवट, अकरम सिद्दीकी एवं ओम कोटवार द्वारा प्रार्थी एवं सहखातेदारों को टावर मुआवजा का चेक मिलेगा कहकर कोरबा एसडीओ कार्यालय ले जाया गया और कुछ कागजातों में दस्तखत, अंगूठा निशानी एवं फ़ोटो लिया गया। उन्होंने अधिवक्ता प्रेमसिंह केंवट पर भरोसा किया और उसके बताए अनुसार दस्तावेजों पर दस्तखत कर दिया। दस्तखत करने के पश्चात प्रार्थी ने बिजली टॉवर का चेक प्राप्त किया और सभी लोग वापस अपने घर आ गए, फिर कुछ दिनों बाद गांव के ही अकरम सिद्दीकी नामक व्यक्ति के द्वारा प्रार्थी की बहन केतकी बाई जो कि मानसिक रूप से कमजोर है और गांव में भीख मांगकर अपना जीवनयापन करती है। उसे भी वही टॉवर का चेक मिलेगा कहकर कोरबा ले गया और दस्तखत करवा लिया। कुछ दिनों बाद उन्हें ग्रामवासियों से पता चला कि उनके स्वामित्व की भूमि खसरा क्रमांक 895 रकबा -0.2430 हेक्टेयर (60 डिसमिल भूमि बिक चुकी है और उस जमीन का खरीददार कोई और नही बल्कि गांव का ही अमन अग्रवाल नामक व्यक्ति है। इस बात का जब उन्हें पता चला तो वे सोच में पड़ गए कि ऐसा कैसे हो गया। उन्होंने आगे पता किया तो उन्हें पता चला कि जिस दिन उन्हें कोरबा लेकर गए थे उसी दिन उनके जमीन का मुख्तियारनामा खास लेकर अधिवक्ता प्रेम सिंह केंवट एवं अकरम सिद्दीकी नामक व्यक्तियों द्वारा उस जमीन को गांव के ही अमन अग्रवाल के पास बेच दिया गया है।शिकायत पत्र में उल्लेख है कि, उन्हें यह एहसास हुआ कि टॉवर चेक के नाम से धोखाधड़ी करते हुए कोरबा ले जाकर अधिवक्ता प्रेम सिंह केंवट एवं अकरम सिद्दीकी नामक व्यक्तियों द्वारा उनका दस्तखत एवं अगूंठा लेकर उनके जमीन का मुख्तियारनामा खास बनवा लिया गया और उनके जमीन को बेच दिया गया। वहीं उन्होंने आगे शिकायत पत्र में उल्लेख किया है कि यदि अमन अग्रवाल नामक व्यक्ति को उनका जमीन लेना रहता तो वह सीधे उनसे संपर्क करता किंतु क्रेता ने प्रार्थी से संपर्क नही किया। यहां यह स्पष्ट होता है कि अमन अग्रवाल नामक व्यक्ति भी उक्त धोखाधड़ी में शामिल होते हुए प्रार्थी के जमीन को प्रेमसिंह केंवट एवं अकरम सिद्दीकी से मुख्तियारनामा के माध्यम से क्रय किया है। प्रार्थी ने पत्र में बताया है कि इस प्रकार उसके साथ छल-कपट करते हुए उसके जमीन का क्रय विक्रय किया गया है, इसलिए जमीन की रजिस्ट्री रोककर प्रार्थी की जमीन उसे वापस किया जाए एवं उन तमाम व्यक्तियों के विरुद्ध अपराध दर्ज किया जाए जिन्होंने ऐसे भोलेभाले लोगों को झांसा देकर उनके जमीन को बेचा है, वहीं इस शिकायत के बाद पूरे विभाग सहित आसपास में हड़कंप मच गया है। शिकायत की प्रतिलिपि डीआईजी, कलेक्टर, एसपी, आईजी, एसडीएम,तहसीलदार एवं थाना प्रभारी को दी गई है। —

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