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झारखंड

केवायसी अपडेट कराने के लिए आया काॅल, बैंक गए तो पता चला खाते से गायब थे 21 लाख

पलामू। एक बुजुर्ग सायबर ठगी का शिकार हो गया। उनके मोबाइल पर एक काॅल आया जिसमें व्यक्ति ने केवायसी अपडेट कराने के लिए कहा। पहली बार तो बुजुर्ग ने बैंक आता हूं कहते हुए फोन काट दिया, लेकिन इसके बाद दोबारा फोन आने पर बुजुर्ग उसे सारे डिटेल दे दिए। फिर ठगों ने उसके खाते से 21 लाख पार कर दिया।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार हुसैनाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम चिरैयाखाड़ निवासी व वर्तमान में जिला मुख्यालय मेदिनीनगर के सूदना निवासी रामसुंदर सिंह के मोबाइल पर 5 जुलाई को एक काॅल आया। काॅल करने वाले शख्स ने अपना नाम मधुसूदन बताया। खुद को स्टेट बैंक का कर्मी बताकर रामसुंदर से केवायसी अपडेट कराने की बात कही। इस पर रामसुंदर ने बैंक आकर मिल लेंगे कहते हुए फोन काट दिया। इतने में थोड़ी देर बाद फिर काॅल आया और कहा कि आप चिंता नहीं करें। पूरी जानकारी दी जाएगी। उनकी बातों में आकर रामसुंदर ने एक एप्लिकेशन डाउनलोड किया और पैन कार्ड, आधार कार्ड की जानकारी दी। इसके बाद मधुसूदन ने रामसुंदर को 7 जुलाई को बैंक आकर मिलने के लिए कहा। 7 जुलाई को रामसुंदर बैंक गया तो पता चला कि उसके खाते से 7 लाख रूपए गायब हो चुके थे। यह जानकार बुजुर्ग के पैरों तले जमीं खिसक गई। पीड़ित जिंदल कंपनी के सेवानिवृत्त कर्मी हैं और अपनी जमीन पर घर बनवाने के लिए यह रकम संजोकर रखा था जिसे ठगों ने पार कर दिया। घटना से घर के लोग काफी परेशान हैं। आस-पड़ोस के लोगों में भी ऐसी घटना से दहशत में है।

0 पीड़ित ने बैंक कर्मियों पर मिलीभगत का लगाया आरोप
इधर, पीड़ित ने बैंक कर्मियों पर भी मिलीभगत होने का आरोप लगाया है। पीड़ित का कहना है कि बैंक मैनेजर को काॅल किया गया, इसके बाद भी उन्होंने फोन रिसिव नहीं किया। पीड़ित का कहना कि उनके खाते में इंटरनेट बैंकिंग सेवा एक वर्ष पूर्व से बंद कराया गया है, फिर 24 घंटा के भीतर इतनी मोटी रकम आॅनलाइन ट्रांजेक्शन करना कैसे संभव है। इतना ही नहीं जिस खाता में पैसा ट्रांसफर कराया गया है वह बेनिफेसरी लिस्ट में नहीं है। इसके बाद भी ट्रांजेक्शन संभव कैसे हो गया।

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