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ड्रग्स की तस्करी करने के दोषी भारतीय मूल के शख्स को दी जाएगी फांसी

सिंगापुर:  सिंगापुर में मादक पदार्थों की तस्करी के जुर्म में आज यानी बुधवार (26 अप्रैल) को भारतीय मूल के एक 46 वर्षीय व्यक्ति को फांसी दी जाएगी, हालांकि फांसी न देने को लेकर उसके परिवार ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया है.

 सिंगापुर में ड्रग्स की तस्करी करने के दोषी भारत मूल के शख्स को फांसी दी जाएगी, हालांकि फांसी नहीं देने को लेकर उसके परिवार ने राष्ट्रपति से अपील की है, लेकिन राष्ट्रपति ने यह याचिका ठुकरा दी है. 46 साल के तंगाराजू सुप्पैया को नशीली दवाओं के सेवन करने और ड्रग तस्करी के आरोपों के बाद साल 2014 में गिरफ्तार किया गया था.

तंगाराजू सुप्पैया को एक किलो भांग की तस्करी करने के मामले में 9 अक्टूबर साल 2018 में दोषी ठहराया गया था और उसे कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी. सिंगापुर में ड्रग्स को लेकर कड़े कानून हैं. तंगाराजू ने अपने बचाव में कोर्ट से कहा था कि वह ड्रग तस्करी में शामिल नहीं था और ना ही उसने किसी से तस्करी के लिए किसी से बात की थी, लेकिन कोर्ट ने तंगाराजू के इस तर्क को खारिज कर दिया. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि तंगाराजू के फोन से साबित हुआ है कि वह ड्रग तस्करी के अपराध में शामिल था.

 फांसी का विरोध

तंगाराजू की फांसी का विरोध करते हुए तंगराजू के परिवार और मौत की सजा के खिलाफ काम करने वाली संस्थाओं ने कहा है कि तंगाराजू को कानून की ओर से पर्याप्त परामर्श नहीं दिया है. उसकी अंग्रजी भी अच्छी नहीं है, इसलिए अधिकारियों ने सही ढंग से उसकी बात भी नहीं सुनी. पुलिस ने पूछताछ के दौरान उसे तमिल ट्रांसलेटर भी प्रोवाइड नहीं कराया था.

परिवार ने की क्षमा करने की अपील

तंगाराजू के परिवार ने सिंगापुर के राष्ट्रपति हलीमा याकूब को क्षमादान के लिए दर्जनों लेटर भेजे हैं, लेकिन उनके कार्यालय की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. अलजजीरा से बातचीत में तंगाराजू की बहन ने कहा है कि हमारी उससे बात हुई. उनसे हमें बताया कि अधिकारियों ने मेरा वजन कराया और वह मुझे उस जगह भी ले गए, जहां मुझे फांसी दी जानी है.

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