पेट या आंतों में बनने वाले गैस और पेट फूलने की समस्या आजकल बेहद सामान्य है। आजकल पेट के गैस से अधिक उम्र के साथ ही कम उम्र के लोग भी परेशान हैं। इसके मुख्य कारण में परिवर्तित लाइफस्टाइल को जिम्मेदार माना जा सकता है. पेट में बनने वाला ये गैस एक बेकार गैस होती है जो पाचन के दौरान अपने आप ही निर्मित होती है। आमतौर पर, यह गैस गुदा से होते हुऐ कई बार दुर्गन्ध और आवाज के साथ बाहर निकलती है। पेट में जरुरत से ज्यादा गैस कई बार हवा निगल लेने के कारण होती है।
इसके अतिरिक्त, बिना पचे ही खाद्य पदार्थों का निकलना, लेक्टोज ना पचा पाना और कुछ खाद्य पदार्थों का अनुचित अवशोषण भी इसके मुख्य कारणों में से एक हैं। अत्यधिक गैस खाद्य पदार्थों में माइक्रोबियल ब्रेकडाउन से होती है, उदारण के लिए हाइड्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन जैसे गैस बनने लगती हैं। गंध अन्य बेकार गैसों या यौगिकों से निकलती है।
इसके लक्षणों में पेट से गैस निकलना, डकार लेना, पेट फूलना और पेट में दर्द अथवा बेचैनी आदि शामिल हैं। अत्यधिक गैस निकलना कोई आपात स्थिति उत्पन्न नहीं करती, लेकिन इसको शीघ्र ही डॉक्टर से चेक करवा लेना चाहिए क्योंकि पेट की गैस के साथ पेट में गंभीर ऐंठन, दस्त (डायरिया), कब्ज, मल में खून आना, बुखार, मतली और उल्टी, दाहिने तरफ पेट में दर्द या पेट फूलना इत्यादि लक्षण भी दिखने लगेंगे।
पेट में अत्यधिक गैस होने के लक्षण-
निरंतर गैस आना या वृद्धि होना बदबूदार गैस बनना निरंतर डकार आना पेट फूलना पेट में दर्द उत्पन्न होना पेट की अत्यधिक गैस कोई गंभीर समस्या उत्पन्न नहीं करती, लेकिन मेडिकल चेक-अप जल्दी होनी चाहिए और अगर रोगी में पैट गैस के साथ ये निम्न लक्षण भी दिखने लगें-स्टमक क्रैंप
दस्त कब्ज मल में खून आना फिवर उल्टी और मतली पेट की दायें हिस्से में दर्दपेट में गैस बनने के कारण भोजन करने के दौरान ज्यादा गैस निगलना, स्मोकिंग करने, अत्यधिक शराब का सेवन करना, ज्यादा खाना खाने से उपरी आँतों में गैस बन सकती है। लोअर इंटेस्टाइन में गैस बनने का कारणों में मुख्य रूप से निम्नलिखित हैं,
ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन जिनको पाचन में समस्या हो
गैस युक्त भोजन करने से कॉलन (आंत्र संबंधी) में पाए जाने वाले बैक्टीरिया का विघटन गैस का कारण बनने वाले खाद्य पदार्थ – Pet Mein Gas Banane Wali Cheeje ऐसा नहीं है की किसी एक आहार से किसी एक व्यक्ति को गैस की समस्या होती है, तो दूसरों में भी इनसे गैस की समस्या पैदा हो. सामान्य रूप से गैस का कारण बनने वाले खाद्य पदार्थ जिनमें शामिल हैं,मसूर और पत्तेदार सब्जियां जैसे पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकोली
लैक्टोज युक्त डेयरी प्रोडक्ट फ्रुक्टोज सोर्बिटोल कार्बोनेटेड ड्रिंक, जैसे सोडा और बीयर गैस का कारण बनने वाले पाचन प्रणाली के विकार यदि एक दिन में 20 से ज्यादा बार डकार आती है या अत्यधिक गैस बनता है, तो इस परिस्थिति में ये संकेत भी दिख सकते हैंऑटो इम्यून पैन्क्रियाटाइटिस: सेलिएक रोग (एक ऑटो इम्यून डिसऑर्डर जो ग्लूटेन या आटा संबंधी पदार्थों के खाने पर गैस उतपन्न करने लगता है।
भोजन संबंधी समस्या गेस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स रोग गेस्ट्रोपैरेसाइसिस (पेट की सामान्य गति को प्रभावित करने वाला रोग) इंटेस्टाइन में सूजन और जलन संबंधी रोग (या पांचन तंत्र में कोई क्रोनिक या गंभीर सूजन अथवा जलन) इंटेस्टाइन में ब्लाॅकेज डेयरी प्रोडक्ट को पचाने में कठिनाई पेप्टिक अल्सर अल्सरेटिव कोलाइटिसपेट के गैस का निदान-
सामान्य तौर पर पेट की गैस का निदान रोगी की पिछली दवाईयों या आहार के सेवन की जानकारी और उसका बॉडी चेकअप लेकर किया जाता है। हालाँकि ज्यादातर मामलों में टेस्ट आदि लेने की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन जरूरत पड़ने पर डॉक्टर द्वारा रोगी की सांसों और अधोवायु (गैस का मलाशय से निकलना) आदि का परिक्षण किया जा सकता है। कुछ ऐसे अन्य दुर्लभ मामलें होते हैं जिनमें कुछ अतिरिक्त टेस्ट जैसे कोलोनोस्कोपी, एक्स-रे और सी.टी. स्कैन आदि की जरूरत पड़ जाती है।पेट की गैस के प्राकृतिक और घरेलू उपायों में आहार में बदलाव शामिल है, क्योंकि पेट में गैस कुछ खाद्य पदार्थो के कारण भी बन जाती है जिनको खाद्य पदार्थों से हटा दिया जाता है। पेट की गैसे के मेडिकल उपचार में एंटीबायोटिक्स शामिल होती हैं, और फाइबर खाद्य पदार्थों में वृद्धि करने की सलाह जाती है. मेडिकल स्टोर से बिना पर्ची के मिलने वाली दवाएं भी उपलब्ध होती हैं, जो पेट की गैस का समाधान कर सकती हैं।