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हरियाणा

प्राइवेट पार्ट व शरीर पर घाव, 6 साल की बच्ची से दुष्कर्म-हत्या के दोषी को फांसी की सजा

जगाधरी (यमुनानगर)। यमुनानगर में छह साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने राजेश कुमार नामक दोषी को फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस मामले को दुर्लभतम माना है। आरोपी को पोक्सो एक्ट और बीएनएस एक्ट के तहत दोषी पाया गया। बीएनएस लागू होने के बाद यह प्रदेश का पहला फांसी का फैसला है।

दुष्कर्म के बाद छह साल की बच्ची की निर्मम हत्या करने वाले 24 वर्षीय राजेश कुमार उर्फ निर्मल को वीरवार को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है।फैसला फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनाया है। कोर्ट ने इस मामले को रेयर ऑफ द रेयरेस्ट श्रेणी में माना है। जजमेंट में बच्चन सिंह वर्सेज पंजाब सरकार तथा पुरुषोत्तम दशरथ बुराटे वर्सेज महाराष्ट्र सरकार के केस का हवाला भी दिया।

कोर्ट ने दोषी को छह पोक्सो एक्ट व अंडर सेक्शन 103(1) ऑफ बीएनएस एक्ट में फांसी व 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जबकि अंडर सेक्शन 140(1) ऑफ बीएनएस में सात वर्ष कठोर कारावास व पांच हजार रुपये जुर्माना किया है। बीएनएस लागू होने के बाद फांसी के इस मामले को प्रदेश का पहला फैसला माना जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि दोषी ने जिस निर्ममता से बच्ची के प्राइवेट पार्ट व शरीर पर घाव दिए हैं, उसे फांसी देकर ही मृतका को न्याय दिलाया जा सकता है।

145 दिनों में सुनाया फैसला

छछरौली थाना पुलिस ने क्षेत्र के एक गांव में रहने वाले एक व्यक्ति की शिकायत पर राजेश कुमार के विरुद्ध 20 सितंबर 2024 को छह पोक्सो एक्ट, 66 बीएनएस व अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया था।

जिला न्यायवादी धर्मचंद के निर्देश पर उप जिला न्यायवादी गुलदेव कुमार टंडन व अधिवक्ता शानू शर्मा ने केस की पैरवी की। वहीं डीएलएसए पीड़िता के परिवार को 15 लाख रुपये का मुआवजा देगी। कोर्ट ने यह फैसला 145 दिनों में सुनाया है।

यह बना सजा का आधार

उप जिला न्यायवादी गुलदेव टंडन ने बताया कि मृतका के शरीर पर घाव व मिले खून से दोषी राजेश का डीएनए मैच हुआ है। जिसकी रिपोर्ट 17 फरवरी 2025 को मिली थी। बच्ची के नाखूनों से भी दोषी की त्वचा के सैंपल मिले थे। जब दोषी बच्ची को बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया था तो गांव के ही दो लोगों ने उसे देखा था।

गवाहों ने इसकी पुष्टि करते हुए दोषी की शिनाख्त की है। दुष्कर्म के बाद बच्ची का मर्डर कर जब दोषी गन्ने के खेत से बाहर आया, तब एक व्यक्ति ने उसे देखा था। एवीडेंशियल परिस्थितियों का भी सजा में महत्वपूर्ण योगदान रहा।

बच्ची के पिता के छलके आंसू

कोर्ट का फैसला सुनने के बाद मृतका के पिता के आंसू छलक आए। उसने कहा कि कोर्ट ने दोषी को फांसी की सजा देकर आज उसे असली न्याय दिया है। आज उसकी बेटी की आत्मा को भी शांति मिलेगी। उसके हत्यारे को कोर्ट ने सही सजा सुनाई है।

सजा सुनने के बाद सुन्न हो गया दोषी

कोर्ट में सजा सुनने के बाद दोषी राजेश सुन्न हो गया। बताया जा रहा है कि जज ने दोषी से कई सवाल किए। हर बार उसने कहा मेरी तो बस एक मां है। पुलिस पूछताछ में भी दोषी ने वारदात स्वीकार की थी। दोषी के मुताबिक पिछले सात साल से उसे नशे की लत लगी हुई थी।

शादी न होने की वजह से वह गलत काम करने के लिए उतावला रहता था। 20 सितंबर को उसने पडोस में खेल रही छह साल की बच्ची को कुत्ते के बच्चे दिलाने के बहाने अगवा किया। वह उसे गन्ने के खेत में ले गया। जहां उसके साथ गलत काम किया और गला दबाकर हत्या कर दी।

 

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