आज हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के लिए बेहद शोक की घड़ी है. बता दें कि, ‘गोल माल’, ‘नमक हलाल’ और ‘इंकार’ जैसी हिंदी फिल्मों में एक्टिंग करने वाले अभिनेता हरीश मैगन (Harish Magon) का निधन हो गया है. बता दें कि, सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन ने ट्विटर पर यह शोक खबर साझा की. पोस्ट शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, हरीश मैगन (जून 1988 से सदस्य) के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त करता है.” एफटीआईआई से ग्रैजुएट हरीश मैगन को ‘चुपके-चुपके’, ‘खुशबू’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’ और ‘शहंशाह’ जैसी फिल्मों में भी देखा गया था. अभिनेता को आखिरी बार 1997 की फिल्म ‘उफ,ये मोहब्बत’ में देखा गया था. दिवंगत अभिनेता हरीश ने मुंबई के जुहू में एक अभिनय संस्थान, हरीश मैगन एक्टिंग इंस्टीट्यूट भी चलाया है.
Harish Magon
आपको बता दें कि, फिल्म इतिहासकार पवन झा ने हरीश मैगन के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया. उन्होंने 1975 की फिल्म ‘आंधी’ का एक वीडियो शेयर किया और लिखा, “हरीश मैगन हिंदी सिनेमा में उन प्यारे कैमियो के लिए हमेशा याद किया जाएगा. एफटीआईआई से ग्रैजुएट, वह गुलजार के सहायक मेराज के करीबी दोस्त थे और इसलिए उन्हें ब्रेक के लिए यहां आंधी गाने में कैमरे का सामना करने का मौका मिला.”
उन्होंने आगे कहा, “हरीश मैगन की एक और प्यारी सी भूमिका गुलज़ार की फिल्म खुशबू में थी. जीतेंद्र और हरीश के साथ एक यादगार डायलॉग ‘यार ये बहुत खूबसूरत होते हैं, मुझे नहीं मालूम था.” इसके अवाला, उनकी एक और फिल्म काफी फेमस है, फिल्म का नाम है गोलमाल ” हरीश मैगन के लिए सबसे यादगार आउटिंग में से एक गोलमाल थी. झा ने यह दिखा दिया कि, सिल्वर स्क्रीन पर एक छोटी सी प्रेजेंस आपको अपने जीवनकाल से अधिक समय तक जीवित रहने में सक्षम बना सकती है.”