नई दिल्ली। देश में अब तक की सबसे भयानक गर्मी पड़ रही है। कई हिस्सों में लगातार 50 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान बना हुआ है। दिल्ली में साल 2002 में सबसे ज्यादा 49.2 डिग्री सेल्सियस पारा रिकॉर्ड हुआ था। वहीं, इस साल 27 मई को तापमान 49.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
तापमान ने दिल्ली में एक नया रिकॉर्ड बना लिया है। इसी को लेकर प्रमुख पर्यावरणविद् सुनीता नारायण ने कहा कि भारत इस साल भीषण गर्मी से जूझ रहा है। कोई भी इस स्तर की गर्मी के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने ताप सूचकांक और आधुनिक शहरों के डिजाइन के तरीके में बदलाव की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (सीएसई) के महानिदेशक नारायण ने कहा कि भारत के बड़े हिस्से में भीषण गर्मी का सैलाब प्राकृतिक रूप से होने वाली अल नीनो घटना और जलवायु परिवर्तन का नतीजा है।
उन्होंने कहा, ‘कोई भी तैयार नहीं है। वैश्विक स्तर पर सबसे गर्म साल 2023 था। हमने पिछले 45 दिनों में सभी पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 40 डिग्री से ऊपर तक तापमान गया है। यह जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहा है। इस साल (2023-24) अल नीनो के कम होने से यह और भी जटिल हो गया है। इसका मतलब है कि हमें वास्तव में अपने काम को एक साथ लाने की आवश्यकता है। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि कमजोर समुदाय कम प्रभावित हों।’