नई दिल्ली। देश के उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति में देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति पर कॉलेजियम की सिफारिशों को शीघ्रता से मंजूरी दे। कोर्ट ने कहा कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कई सिफारिशें केंद्र के पास लंबित हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में लंबित मामलों को लेकर भी चिंता जताई। कोर्ट ने कहा कि देश के उच्च न्यायालयों में 7,24,192 आपराधिक अपीलें लंबित हैं। इसमे अकेले इलाहाबाद उच्च न्यायालय में 2.7 लाख मामले लंबित हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बताया था कि नवंबर 2022 से अब तक हाईकोर्ट जजों के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 221 नामों का अनुमोदन किया है। इसमें से 29 नाम केंद्र सरकार के पास लंबित हैं। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित न्यायाधीशों के नाम, उच्च न्यायालयों या शीर्ष अदालत के वर्तमान या सेवानिवृत्त न्यायाधीशों से उनके संबंध और सरकार द्वारा स्वीकृत प्रस्तावों की संख्या की जानकारी साझा की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने बताया था कि कॉलेजियम ने नौ नवंबर 2022 से 10 नवंबर 2024 तक उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए 330 नामों का अनुमोदन किया था। इसमें से केंद्र ने 170 नामों को मंजूरी दी है। 17 नाम अभी भी सरकार के पास मंजूरी के लिए लंबित हैं। इसके बाद 11 नवंबर 2024 से पांच मई 2025 के बीच हाईकोर्ट जज के लिए 103 उम्मीदवारों के नामों की सिफारिश की गई। इनमें से केवल 51 नामों को मंजूरी दी गई। इनमें से भी 12 नाम केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए लंबित हैं। वहीं नौ नवंबर 2022 से पांच मई 2025 तक उच्च न्यायालयों में न्यायाधीश पद के लिए कॉलेजियम ने 221 नामों का अनुमोदन किया। इसमें से 29 उम्मीदवारों के नाम केंद्र की मंजूरी के लिए लंबित हैं।