नई दिल्ली। देश का रक्षा उद्योग तेजी से मजबूत हो रहा है। हथियारों के साथ ही रक्षा उपकरणों व अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए रक्षा बल अब विदेशी आपूर्तिकर्ताओं की जगह भारतीय उद्यमियों को मौका दे रहे हैं। भारतीय वायुसेना ने भी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है।
बुधवार को वायुसेना को पहला स्वदेशी क्रैश फायर टेंडर (सीएफटी) मिला। वायुसेना ने इसके लिए नोएडा की एक कंपनी को 291 करोड़ रुपये का ठेका दिया था। कंपनी ने महज 14 महीने के भीतर वायुसेना को पहला सीएफटी सौंप दिया है।
वायुसेना के मुताबिक, आत्मनिर्भरता के पथ पर मजबूती से आगे बढ़ते हुए वायुसेना ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित दमकल की डिलीवरी ली। वायुसेना भारतीय रक्षा विनिर्माण और उत्पादन संस्थाओं को प्रोत्साहन जारी रखेगी।
0 मेक इन इंडिया पर जोर
रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने पर मोदी सरकार का फोकस रहा है। इसी के चलते वायुसेना ने बड़ी संख्या में स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस की खरीद का ऑर्डर भी दिया है। इसके अलावा वायुसेना भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए नवीनतम पांचवीं पीढ़ी के उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान विकसित करने के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ काम कर रही है।