नई दिल्ली। नौकरी के लालच में विदेश में फंसे 266 भारतीय नागरिकों को मंगलवार को सरकार वापस लाई है, जिन्हें दक्षिण पूर्व एशिया के साइबर अपराध केंद्रों से रिहा कराया गया। सोमवार को इसी तरह 283 भारतीयों को वापस लाया गया। इन्हें भारतीय वायुसेना के विमान से वापस लाया गया। भारतीय दूतावासों ने म्यांमार और थाईलैंड सरकारों के साथ मिलकर उनकी रिहाई सुनिश्चित करने और उनके स्वदेश वापसी में मदद की।
विदेश मंत्रालय की सलाह- विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों को सलाह दी है कि वे विदेश में स्थित मिशनों के जरिए विदेशी नियोक्ताओं की साख की पुष्टि करें और नौकरी की पेशकश मंजूर करने से पहले भर्ती एजेंटों और कंपनियों के पिछले रिकॉर्ड की जांच करें। इससे पहले दिसंबर में भी भारतीय दूतावास ने म्यांमार के म्यावाडी में नौकरी घोटाले के परिसर में फंसे छह भारतीय नागरिकों को रिहा करने का ऐलान किया था।
साइबर अपराध का केंद्र- दक्षिण-पूर्व एशिया का गोल्डन ट्राइंगल क्षेत्र साइबर अपराध का केंद्र है, जहां थाईलैंड, लाओस और म्यांमार की अंतरराष्ट्रीय सीमाएं मिलती हैं। यहां से साइबर फ्रॉड के लिए फर्जी कॉल सेंटर संचालित होते हैं। पीड़ितों में देश के अलग-अलग राज्यों के लोग शामिल हैं। म्यांमार सरकार ने बंधकों को छुड़ाने और उन्हें थाईलैंड शिफ्ट करने के लिए अपनी सेना को तैनात किया, जहां से उन्हें अब भारत वापस लाया गया।