नई दिल्ली। पद्म विभूषण से सम्मानित मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन (73 वर्ष) का सोमवार को निधन हो गया। इस खबर ने दुनियाभर में उनके प्रशंसकों को गमगीन कर दिया। परिवार की तरफ से साझा की गई जानकारियों के अनुसार वह अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित एक अस्पताल में भर्ती थे।
वह लंबे समय से इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (Idiopathic pulmonary fibrosis) नामक बीमारी और इसके कारण होने वाली स्वास्थ्य जटिलताओं से पीड़ित थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वह पिछले दो सप्ताह से अस्पताल में थे, जहां उनकी हालत बिगड़ने के बाद आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था। सोमवार को इस महान सितारे ने आखिरी सांस ली।
इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (आईपीएफ) फेफड़ों में होने वाली एक क्रोनिक बीमारी है जिसके कारण समय के साथ सांस लेना तक मुश्किल हो जाता है और कई अन्य प्रकार की जटिलताएं होने लगती हैं। इस बीमारी के कारण फेफड़ों में स्कार टिशू (फाइब्रोसिस) बनने होने लगता है जिस वजह आपके फेफड़े रक्तप्रवाह में ऑक्सीजन को प्रभावी ढंग पहुंचाने में कठिनाई महसूस करते हैं। डॉक्टर कहते हैं, फेफड़ों की ये बीमारी किसी को भी हो सकती है इसलिए समय रहते इसके लक्षणों की पहचान करना और बचाव के लिए निरंतर प्रयास करते रहना जरूरी है।
मिली जानकारी के मुताबिक अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में अंतिम सांस लेने वाले तबला वादक जाकिर हुसैन को सैन फ़्रांसिस्को में ही सुपुर्द-ए खाक़ किया जाएगा और उन्हें भारत नहीं लाया जाएगा। सूत्र ने बताया कि जाकिर हुसैन को संभवत: बुधवार के दिन सैन फ़्रांसिस्को में दफन किया जाएगा। जाकिर हुसैन के भाई फ़ज़ल कुरैशी भारत से अमेरिका पहुंच गये हैं और बहन खुर्शीद औलिया भी लंदन से अमेरिका के लिए रवाना हो गईं हैं।