नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों पहले USAID पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शिकंजा कसा था। आरोप लगाया गया था कि यह एजेंसी भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने वालों की मदद करता है। इसी बीच अमेरिका के पूर्व विदेश विभाग के अधिकारी माइक बेंज के दावे से खलबली मच गई है। माइक बेंज (Mike Benz)ने आरोप लगाया है कि अमेरिका ने भारत के आंतरिक राजनीति में दखल दिया है। इतना ही नहीं अमेरिका ने बांग्लादेश की राजनीति में भी दखल देने की कोशिश की है।
मोदी सरकार समर्थित कंटेंट पर रोक लगाने की हुई कोशिश: रिपोर्ट
बेंज का दावा है कि अमेरिकी विदेश विभाग ने फेसबुक, वॉट्सऐप, यूट्यूब और ट्विटर जैसी बड़ी टेक कंपनियों पर प्रभाव डालते हुए मोदी समर्थक कंटेंट पर रोक लगाने की कोशिश की। बता दें कि साल 2019 के जनवरी महीने में वॉट्सऐप ने मैसेज फॉरवर्डिंग की सीमा कर दी थी। इतना ही नहीं, बेंज का आरोप है कि यूएसएड (USAID) से जुड़े संगठनों सहित कई अन्य संगठनों ने प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मीडिया और डिजिटल फोरेंसिक ग्रुप के साथ मिलकर ऐसी रिपोर्ट तैयार की, जिसमें भारत को गलत सूचना के गंभीर संकट जूझते हुए दिखाया गया।
यूएसएड ने भारत विरोधी गतिविधियों को दिया अंजाम: निशिकांत दुबे
बेंज के इन दावों से पहले 10 फरवरी को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अमेरिकी संस्था यूएसएड (USAID) द्वारा भारत को विभाजित करने के लिए विभिन्न संस्थाओं को फंडिंग करने का दावा किया है। सोमवार को लोकसभा में उन्होंने मांग की है कि इस मामले की जांच की जाए और दोषियों को सजा दी जाए। उम्मीद जताई जा रही है कि बेंज के इन दावों से निशिकांत दुबे के आरोपों को अब और गंभीरता से ली जाएगी।
क्या है USAID?
यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फार इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) कार्यक्रम के तहत करीब 120 देशों में विभिन्न योजनाएं चल रही हैं। 2023 में इस एजेंसी के कार्यक्रम के तहत विभिन्न देशों और संस्थाओं को 72 अरब डॉलर की मदद दी गई थी।
