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अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को लेकर हुई सार्थक वार्ता, होने वाली है बड़ी डील!

नई दिल्ली। भारत और अमेरिका जल्द ही एक अंतरिम व्यापार समझौता कर सकते हैं। वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी इस बात के संकेत दिए हैं। उन्होंने एक्स पर कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को लेकर सार्थक बातचीत रही। गोयल पिछले चार दिनों से अमेरिका में हैं। दोनों देशों के मुख्य वार्ताकार के बीच समझौते पर बातचीत चल रही है।

सूत्रों की मानें तो दोनों ही देश द्विपक्षीय व्यापार समझौता (बीटीए) के पहले चरण के पूरा होने से पहले व्यापार समझौते की एक अंतरिम व्यवस्था बनाना चाहते हैं। ताकि अमेरिका की शुल्क नीति की वजह से आपसी व्यापार में जो अवरोध की आशंका पैदा हो गई है, उसे दूर की जा सके।

शुल्क को लेकर अंतरिम व्यवस्था- अमेरिका ने गत अप्रैल में भारत पर 26 प्रतिशत का पारस्परिक शुल्क लगा दिया था जिसे अगले 90 दिनों के लिए टाल दिया गया। इस 90 दिनों की अवधि जुलाई माह के दूसरे सप्ताह में समाप्त हो रही है और दोनों देश उससे पहले शुल्क को लेकर एक अंतरिम व्यवस्था बनाना चाहते हैं।

  • भारत अमेरिका से सभी रोजगारपरक सेक्टर में शून्य शुल्क या अति कम शुल्क चाहता है ताकि इन सेक्टर का अमेरिका में होने वाला निर्यात बढ़े जिससे भारत में मैन्यूफैक्चरिंग व रोजगार बढ़ोतरी में मदद मिलेगी।
  • दूसरी तरफ, अमेरिका इलेक्टि्रक वाहनों के साथ, वाइन, एथनाल, कई औद्योगिक आइटम व कुछ खाद्य आइटम के शुल्क में छूट चाहता है। इसके साथ अमेरिका भारत के गुणवत्ता नियंत्रण नियम में भी छूट चाहता है।

वस्तुओं पर यह नियम लागू- भारत पिछले दो सालों से कई आइटम पर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के तहत गुणवत्ता नियंत्रण नियम लागू कर रहा है। जिन वस्तुओं पर यह नियम लागू हो गया है उनके आयात भी बिना बीआईएस सर्टिफिकेट के नहीं हो पाएंगे और सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए उत्पादन करने वाले देश की फैक्ट्री में बीआइएस (BIS) के अधिकारियों की तरफ से जांच जरूरी है।

अमेरिका इन नियमों में छूट चाहता है। खाद्य पदार्थों में भारत अमेरिका को कुछ फल व मेवे पर लगने वाले शुल्क में छूट दे सकता है। लेकिन डेयरी आइटम पर छूट संभव नहीं दिख रहा है। भारत और अमेरिका के बीच होने वाले अंतरिम व्यापार समझौते पर चीन की नजर होगी, लेकिन पाकिस्तान को इस डील से करारा झटका लगेगा।

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