कोरबा। छत्तीसगढ़ और उड़िसा राज्य में कई लोगों ने हनुमान छाप सिक्के से चमत्कार होने का दावा किया, लेकिन अब तक सिक्के से चमत्कार जैसी कोई बात सामने नहीं आ सकी है। इस बीच कोरबा जिले में एक हनुमान छाप सिक्का की खबर मिली। कोरबा टूडे स्टूडियो की टीम ने सिक्के को हाथ में रखकर पड़ताल की। सिक्के में हनुमान जी की मूर्ति दिखाई दे रही है। इसी तरह के दूसरे सिक्के में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, भरत और हनुमान की मूर्ति है। हमने सिक्का रखने वाले व्यक्ति से पूछा कि क्या सिक्के से चमत्कार होता है। उसका कहना था कि सिक्के में चमत्कार जैसी कोई बात नहीं है। हमने व्यक्ति का नाम और पता गोपनीय रखा है। क्योंकि हनुमान छाप सिक्कों के लालच में अपराध भी हो रहे हैं। सिक्के की चोरी और लूट की वारदात हो रही है। सिक्के से चमत्कार की बात कहकर सन् 2022 में खिसोरा पहरीपारा थाना बलौदा निवासी चतुर सिंह सूर्यवंशी 57 वर्ष को दो लोगों ने ठगी का शिकार बनाया था। उससे 6 लाख रूपए लेकर 3-3 लाख दोनों ने बांट लिया, लेकिन उसे सिक्का नहीं दिया। बलौदा पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। चमत्कारी सिक्के के संबंध में दावा करने वालों से हमारी टीम ने चर्चा की। उनका कहना था कि चमत्कारी सिक्का घर में सुख, समृद्धि और शांति लाता है। एक चौका देने वाली जानकारी सामने आई कि दावा करने वाले लोग सिक्के से चावल के दानों को खींचकर दिखाते हैं। चावल के दाने को सिक्के के पास लाया जाता है तो चिपक जाते हैं। इस चमत्कार से लोग हैरान हो जाते हैं और मुंहमांगा दाम देकर खरीदते हैं। हमने पड़ताल की तो पता चला कि चावल के साथ लोहे का बुरादा भी होता है और सिक्के में चुंबक होता है, जिसके कारण यह सच दिखाई देता है। दावा यह भी किया गया कि सिक्का घड़ी की सुई को भी रोक देता है। असली सिक्का बहुत ही शक्तिशाली होता है। हाथ में रखते ही कुछ अलग एहसास होता है। छू लेने भर से कई तरह की बीमारियां दूर हो जाती है।
क्या है हकीकत ईतिहास के पन्नों से पता चला कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने सिक्कों का निर्माण किया गया था। सिक्कों का मूल्य आधा आना था। इन सिक्कों में भगवान हनुमान के अतिरिक्त भगवान राम, लक्ष्मण सीता की छवि अंकित की गई। 1818, 1717 और 1919 के बने ऐसे सिक्के अक्सर देखने को मिल जाते हैं। कुछ लोगों ने सिक्कों को संग्रहित करके रखा है। वर्तमान में इन सिक्कों को चमत्कारिक बताकर प्रचारित किया जा रहा है। —
