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छत्तीसगढ़

कल्कि अवतार के नाम से दहशत फैलाने वाला पुलिस गिरफ्त में, प्रेम प्रसंग के शक में की थी हत्या

कोरबा। कल्कि का अवतार बताकर दहशत फैलाने वाले हत्यारे को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस पूछताछ में चौकाने वाली बात सामने आई है। प्रेम प्रसंग के शक में रामसिंह कंवर की हत्या की गई थी।

पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि दिनांक 23-24 फरवरी की दरमियानी रात को ग्राम पकरिया नवापारा में रामसिंह कंवर उम्र 60 वर्ष की किसी अज्ञात ने धारदार हथियार से सिर पर जानलेवा हमला कर घायल कर दिया था, जिसकी अगले दिन अस्पताल में मौत हो गई थी। हमले की सूचना मिलते ही पुलिस ने तुरंत घटना स्थल पहुंच कर क्राइम सीन को सुरक्षित कर एफएसएल टीम को बुलाकर घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। साथ ही घटना स्थल के आस पास ही 3 अलग- अलग जगहों पर “राम सिंह के बेटे जगदीश का नाम, कलयुग का कल्कि, झूठ बोलना पाप है” आदि लिखा हुआ दिखाई दिया। फिर दो दिन बाद 26 फरवरी को सुबह घटना स्थल के सामने के घर की दीवार पर अगला टारगेट “मोनू, कलयुग के कल्कि, शराब बंद, पकरिया में 5 हत्या और होने वाली है, पुलिस को आरोपी की खोजबीन से दूर रहने” की धमकी लिखी हुई दिखाई दी। इसके बाद आस पास के क्षेत्र में सनसनी फैल गई और पूरे गांव में दहशत का माहौल हो गया। इस पर पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर नगर पुलिस अधीक्षक भूषण एक्का, साइबर प्रभारी रविन्द्र कुमार मीना एवं थाना प्रभारी युवराज तिवारी के नेतृत्व में पुलिस ने पकरिया नवापारा गांव में लगातार कैंप किया। चूंकि दीवार पर मृतक के बेटे जगदीश का नाम लिखा था। तो पुलिस ने जगदीश को केंद्र में रखकर प्रत्येक एंगल पर काम करना शुरू किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने साइबर प्रभारी रविन्द्र कुमार मीना एवं नगर पुलिस अधीक्षक भूषण एक्का के नेतृत्व में टीमें गठित कर हर दृष्टि से विवेचना प्रारम्भ कराई। जिसमें एक टीम जमीन संबधी विवाद पर, एक टीम अवैध संबंध पर, एक टीम चुनावी रंजिश पर, एक टीम कलयुग के कल्कि, तथा एक टीम 4 मार्च को सुबह पुलिस को गांव स्थित शमशान घाट में एक तलवारनुमा हथियार के साथ एक पत्र मिला, जिस पर काम कर रही थी। मामले की बढ़ती गंभीरता को देखते हुए विवेचना को बारीकी से मॉनीटर करने के लिए स्वयं पुलिस अधीक्षक ने उरगा थाना मे कैंप किया।

इस प्रकार हर दृष्टि से विवेचना करने पर पता चला कि मृतक के पुत्र जगदीश का गांव की ही एक महिला से अवैध सम्बन्ध था। इसी महिला का आरोपी के साथ भी अवैध सम्बन्ध था। इस बात का पता जब आरोपी को चला तो उसने जगदीश को मारने की योजना बनाई। इसके लिए लगभग दो माह पूर्व उसने लोहे का एक धारदार तलवारनुमा हथियार बनाया। जिस हथियार को लेकर वह घटना दिनांक को जगदीश को मारने के उद्देश्य से मृतक के घर आया, लेकिन जगदीश के नहीं मिलने पर उसने मंच पर सोए उसके पिता पर उस धारदार हथियार से सिर पर हमला किया और दीवार पर जगदीश के लिए चेतावनी लिखी। फिर उसने पुलिस को गुमराह करने के लिए कलयुग के कल्कि जैसी कहानी बनाई। फिर अखबार एवं अन्य समाचार माध्यम से पढ़ा कि रामसिंह की अस्पताल में मृत्यु हो गई है तो उसने पुलिस को और गुमराह करने के लिए एक दिन बाद मोनू की दीवार पर लिखा, जिसमे मोनू को अपना अगला टारगेट बताया। शराब बंदी के बारे में लिखा, पकरिया में 5 मौत और होने वाली है लिखकर पुलिस को गुमराह किया। पुनः जब उसको अखबार एवं अन्य समाचार माध्यम से ये पता चला कि पुलिस जगदीश से गहन पूछताछ कर रही है तो उसने फिर पुलिस को गुमराह करने के उद्देश्य से 4 मार्च को रात में शमशान घाट मे तलवारनुमा हथियार के साथ एक लेटर छोड़ा । इस प्रकार आरोपी विकास यादव ने मूल रूप से जगदीश कंवर की हत्या की योजना बनाई थी, लेकिन जगदीश के नहीं मिलने पर

उसके पिता रामसिंह कंवर पर हमला कर दिया, जिससे उसकी अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। घटना के बाद, आरोपी ने गांव में “कल्कि अवतार” के नाम से दीवारों पर भ्रामक संदेश लिखकर दहशत फैलाने की कोशिश की, ताकि पुलिस गुमराह हो जाए और मामला रहस्यमयी बन सके।

अपराध क्रमांक और संबंधित धाराएं

इस मामले में उरगा थाना में अपराध क्रमांक 59/2025, धारा 103 (1) , 109 बीएनएस के तहत् अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपी विकास यादव साकिन ग्राम सिवनी चांपा को विधिवत् रूप से गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा जा रहा है।

महत्वपूर्ण भूमिका

इस जघन्य अपराध की विवेचना पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी (भा.पु.से.) के निर्देशन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीतीश ठाकुर के मार्गदर्शन तथा क्राइम एवं यातायात प्रभारी रविन्द्र कुमार मीना (भा.पु.से.) एवं नगर पुलिस अधीक्षक कोरबा भूषण एक्का के नेतृत्व में गठित विशेष टीमों द्वारा की गई।

इस महत्वपूर्ण जांच में निरीक्षक युवराज तिवारी (थाना प्रभारी उरगा), उप निरीक्षक प्रेम चंद साहू (थाना दीपका), उप निरीक्षक अजय सोनवानी (साइबर सेल), सउनि संतराम सिन्हा, सउनि परमेश्वर गुप्ता, सउनि अमर जायसवाल (पुलिस केंद्र मानिकपुर), सउनि राम पाण्डेय (थाना कटघोरा), सउनि दुर्गेश राठौर (थाना सिविल लाइन रामपुर), सउनि चक्रधर राठौर (थाना कोतवाली), सउनि अनिल खाण्डे (थाना बाकीमोंगरा), प्रधान आरक्षक गुना राम (साइबर सेल), प्रधान आरक्षक सचिन नवनीत (थाना उरगा), प्रधान आरक्षक राजेश कंवर (रक्षित केंद्र कोरबा), प्रधान आरक्षक लखन कुर्रे, प्रधान आरक्षक बसंत भैना, महिला प्रधान आरक्षक गीता तिर्की (थाना उरगा), प्रधान आरक्षक किशोर तिग्गा (थाना उरगा), आरक्षक आलोक टोप्पो (साइबर सेल), आरक्षक कौशल महिलांगे (थाना कोतवाली), आरक्षक चंद्रकांत गुप्ता (थाना कोतवाली), आरक्षक राम पाटले (थाना यातायात), आरक्षक प्रदीप राठौर (पुलिस केंद्र मानिकपुर), आरक्षक संजय रात्रे (पुलिस केंद्र मानिकपुर), आरक्षक अशोक चौहान (थाना दर्री), आरक्षक रितेश शर्मा (रक्षित केंद्र कोरबा), आरक्षक झंगल मंझवार (थाना उरगा) आरक्षक समार सिंह (थाना उरगा), आरक्षक विकास कौशले (थाना करतला), महिला आरक्षक सुर्या खुटे (थाना उरगा), महिला आरक्षक अनुराधा कंवर (थाना उरगा), आरक्षक सुनील गुप्ता (डॉग स्कॉड), आरक्षक उमेश मैशमा, आरक्षक समार साय पैकरा, आरक्षक रामकुमार पैकरा, आरक्षक नितेश तिवारी, आरक्षक प्रेमचंद साहू, आरक्षक नरेश तंदेल, आरक्षक महासिंह सिदार, आरक्षक वीरेंद्र अनंत, आरक्षक अजय यादव, आरक्षक पुष्पेंद्र खूंटे, आरक्षक रामेन्द्र बर्मन, आरक्षक यादराम बघेल, आरक्षक श्यामजी एक्का, आरक्षक ओम प्रकाश निराला, आरक्षक डेमन ओंग्रे, विरके’वर प्रताप सिंह, सुशील, प्रशांत, रवि चैबे, रेणु टोप्पो (साइबर सेल) ने सराहनीय योगदान दिया। आर नीरज डेनियल, देवराज कैवर्त, दिनेश कुमार मरावी, चंद्रसेन खूटें, रामचंद राजपूत ,वं एफएसएल टीम डॉ- सत्यजीत सिंह कोसरिया, डॉ दृ राजश्री सिंह, प्र-आर- हेमन्त चैहान की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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