रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 450 करोड़ से अधिक के कोल लेवी वसूली और मनी लांड्रिंग घोटाला मामले में निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू, सौम्या चौरसिया और व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने ये फैसला सुनाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जांच में काफी समय लगेगा, इसलिए समय लेने वाली प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ताओं को अंतरिम जमानत पर रिहा करना उचित समझते हैं। बता दें कि ये सभी आरोपी करीब दो वर्ष से अधिक समय से जेल में हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को कहा है कि मामले में निर्धारित तारीख पर याचिकाकर्ताओं के आचरण पर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इस मामले में जांच में काफी समय लगेगा, इसलिए समय लेने वाली प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ताओं को अंतरिम जमानत पर रिहा करना उचित है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अंतरिम जमानत रिहाई ट्रायल के आधार पर दी गई है, ताकि स्वतंत्रता और निष्पक्ष जांच के बीच संतुलन बनाया जा सके।
इन शर्तों पर दी अंतरिम जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि किसी गवाह को प्रभावित करने, सबूतों से छेड़छाड़ करने या जांच में बाधा डालने में लिप्त पाया जाता है, तो राज्य सरकार अंतरिम जमानत रद्द कराने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है और उस स्थिति में अंतरिम जमानत रद्द कर दी जाएगी।