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छत्तीसगढ़

सेक्स रैकेट और ब्लैकमेलिंग केस का खुलासा : 8 रईसजादों को जाल में फंसाकर वसूले 41 लाख

बलौदाबाजार। शहर के बहुचर्चित ब्लैकमेलिंग केस का बुधवार को पुलिस ने खुलासा किया है। बताया जा रहा है कि इस रैकेट में 8 लोग शामिल हैं, जिसमें 4 लोगों की गिरफ्तारी हो गई है, जबकि 4 आरोपी फरार है। ये सभी पैसे वाले लोगों को अपने जाल में फंसाकर लूटते थे। अब तक 41 लाख की वसूली की जा चुकी है।

पुलिस के मुताबिक 3 आरोपी दुर्गा टंडन (30), प्रत्यूष उर्फ मोंटी मरैया (28), रवीना टंडन (22) की गिरफ्तारी की गई है, जबकि 4 आरोपी शिरीष पांडेय, पुष्पमाला फेकर, हीराकली बंजारे, आशीष शुक्ला को फरार है। प्रेसवार्ता के दौरान एएसपी अविनाश ठाकुर और एसडीओपी निधि नाग ने कहा कि मास्टर माइंड शिरीष पांडेय सहित अन्य फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद और कई नाम आरोपियों के रूप में सामने आ सकते हैं। गिरफ्तार हो चुके एक आरोपी के परिजनों ने ब्लैकमेलिंग मामले में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता सामने आने के बाद भी अब तक उन पुलिस कर्मियों पर आरोप तय नहीं किए जाने से जांच की निष्पक्षता पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं। इस गिरोह द्वारा बहुत ही सुनियोजित तरीके से बलौदाबाजार शहर और आसपास के धनवान लोगों को फंसाया जाता था। उन्हें महिला संबंधी अपराध में फंसाने और लोक-लाज का भय दिखाकर लाखों रुपए की मोटी रकम वसूली की जाती थी।

यह गिरोह बहुत ही शातिर तरीके से अपने काम को अंजाम देता था। गिरोह के सभी सदस्यों के मध्य काम का बंटवारा करते हुए सभी सदस्य अपनी अलग-अलग भूमिका निभाते थे। मोंटी उर्फ प्रत्यूष मरैया, दुर्गा टंडन तय शिकार से मिलने और उसे फंसाने के लिए बाहर से बुलाई गई लड़कियों के ठहरने, खाने का इंतजाम करते थे। लड़की को शिकार के पास भेजते थे। इसके बाद शिकार के पास लड़की के रिश्तेदार बनकर पहुंच जाते थे। लड़की के साथ ज्यादती की बात कहकर रिपोर्ट लिखाने की धमकी देते थे।

गिरोह धनवान और रिटायर्ड कर्मियों का शिकार करता था, फिर तय शिकार से मेल-जोल बढ़ाकर गिरोह की महिला से मिलाने का दिन और समय तय किया जाता था। उसी तय समय में गिरोह के अन्य सदस्य महिला के घर पहुंचते थे। रूम के अंदर वे शिकार का महिला के साथ फोटो लेते थे, वीडियो भी बनाते थे। उसे न्यूज बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करने का भय दिखाते थे। शिकार बदनामी के डर से गिरोह के सदस्यों को तय रकम दे देता था।

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