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छत्तीसगढ़

कलेक्टर की अनूठी पहल: जिला जेल को मिला परीक्षा केंद्र का दर्जा, बंदी दे सकेंगे परीक्षा

कांकेर। कलेक्टर डाॅ. प्रियंका शुक्ला की अनूठी पहल रंग लाई। जिला जेल को परीक्षा केंद्र का दर्जा दिया गया है। अब जेल में बंद कैदी भी परीक्षा दे सकते हैं। विचाराधीन बंदी पहली बार बोर्ड परीक्षा देने जा रहे हैं। इसके लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। विचाराधीन बंदियों में नक्सल, हत्या और दुष्कर्म के आरोपी शामिल हैं।

परीक्षा देने वाले बंदियों की फीस जिला प्रशासन की ओर से खनिज न्यास निधि से जमा होगी। इसके लिए कलेक्टर ने भी स्वीकृति दे दी है। ओपन समन्वय केंद्र कांकेर की ओर से इन्हें निःशुल्क पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराई जाएगी। अब तक परीक्षा के लिए 12 बंदियों ने फार्म जमा किए हैं। ये बंदी राज्य ओपन बोर्ड की परीक्षा देने जा रहे हैं।

0 दो सेमेस्टर में आयोजित होंगी परीक्षा
जेलर एसएल नायक ने बताया कि कलेक्टर की पहल पर बंदियों को बोर्ड परीक्षा देने का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था। अनुमति मिलने के बाद परेड के दौरान बंदियों से पूछने पर परीक्षा देने की इच्छा जताई। हालांकि अभी तक 12 बंदियों ने परीक्षा के लिए फार्म भरा है। इनमें से 9 बंदी 10वीं के लिए तो 3 बंदी 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए फार्म जमा किए हैं। परीक्षा दो सेमेस्टर में आयाजित होंगी। पहले सेमेस्टर की परीक्षा सितंबर 2023 और दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा अप्रैल 2024 में होंगी। परीक्षा सेंटर कांकेर जेल ही होगा।

0 नई शुरूआत करने का मिलना चाहिए मौका: कलेक्टर
कलेक्टर का कहना है कि हर किसी को अपनी जिंदगी में नई शुरूआत करने का मौका मिलना चाहिए। यह भी बंदियों के लिए एक मौका देने की कोशिश है जिससे वे अपनी जिंदगी की नई शुरूआत कर सके और पढ़-लिखकर आगे बढ़ सके।

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