कोरबा। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड गेवरा परियोजना में शुक्रवार तड़के सुबह करीब 4ः00 बजे एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। ब्लाज कंपनी का भारी-भरकम डंपर (क्रमांक 4079), जिसकी क्षमता 150 टन बताई जा रही है, गेवरा खदान के वेस्ट सेक्शन में अनियंत्रित होकर गहरे पानी में जा घुसा। घटना में ऑपरेटर बाल-बाल बच गया।
घटना के समय शिफ्ट इंचार्ज सील भद्र ड्यूटी पर मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार, यह हादसा बर्न की ऊंचाई कम होने के कारण हुआ। खदान में डंपर जब अनलोड होता है, तो उसके आगे एक बर्न (मिट्टी की ऊंचाई) बनाई जाती है, जिससे डंपर नीचे ना गिरे। लेकिन यहां उसकी ऊंचाई कम होने के कारण यह डंपर लगभग 12-15 फीट नीचे पानी में गिर गया।
प्रारंभिक जांच में सुरक्षा उपायों में लापरवाही की बात सामने आ रही है, जिससे यह हादसा हुआ। अगर ऑपरेटर समय रहते नहीं कूदता, तो बड़ा नुकसान हो सकता था। गेवरा खदान में सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर अब सवाल उठने लगे हैं।
यह घटना लगभग 5 वर्ष पूर्व गेवरा खदान में ब्रह्मपुत्र साइड के पास हुई एक अन्य दुर्घटना की याद दिलाती है, जिसमें डंपर ऑपरेटर मालाकार की जान चली गई थी। इस घटना के बाद काफी बवाल हुआ था। अब फिर से इस तरह की घटना होने से सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
एसईसीएल के अधिकारी इस मामले की जांच में जुट गए हैं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं। गेवरा खदान में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं।