बिलासपुर। अरपा नदी में प्रदूषण को रोकने, संरक्षण और संवर्धन को लेकर हाईकोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविंद्र कुमार अग्रवाल की बेंच ने सुनवाई के दौरान कोर्ट को बिना ट्रीटमेंट के 70 नालों के गंदे पानी को प्रत्यक्ष रूप से अरपा नदी में छोड़े जाने की जानकारी दी गई।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने नगर निगम प्रशासन पर देरी से काम करने और इसे गंभीरता से नहीं लेने की बात कही। वहीं केंद्र सरकार के नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत फंड की कोई कमी नहीं है। कोर्ट ने नगर निगम आयुक्त से एक व्यक्तिगत शपथ पत्र दाखिल कर गंदे पानी के ट्रीटमेंट के लिए डीपीआर स्टेटस को लेकर जवाब मांगा है और अगली सुनवाई 11 फरवरी 2025 को निर्धारित की है।