बिलासपुर। कानन पेंडारी जूलॉजीकल पार्क में साल भर पहले जन्मी बाघिन रंभा के मादा शावक रश्मि की मौत हो गई। अचानक शावक की मौत से जू प्रबंधन और अफसर के होश उड़ गए हैं। वन अफसरों ने दावा किया है कि बाघिन कुछ दिनों से बीमार थी और उसका यूरिन आना बंद हो गया था।
बताया जा रहा है कि कानन पेंडारी जू की बाघिन रश्मि की तबीयत पिछले एक सप्ताह से खराब थी। चार दिन पहले उसकी हालत गंभीर हो गई। उसका यूरिन आना भी बंद हो गया, तो विभाग के अफसरों को इसकी जानकारी दी गई। साथ ही जू अथॉरिटी आफ इंडिया को भी सूचना दी गई।
पिछले चार दिन से वन्य प्राणी चिकित्सक रश्मि का इलाज कर रहे थे लेकिन, उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई थी। बताया गया कि बीमार बाघिन रश्मि की किडनी फेल हो गई थी। पानी भरने से पेट फूल गया था, वहीं यूरिन भी नहीं हो रहा था। रश्मि की हालत को देखकर इलाज के लिए दूसरे जू के चिकित्सकों से भी सलाह-मशविरा लिया जा रहा था। मंगलवार को बाघिन की हालत गंभीर हो गई और दोपहर बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके बाद प्रबंधन को इसकी जानकारी दी गई।
रश्मि की मौत की खबर मिलते ही विभागीय अफसर कानन जू पहुंचे। इसके बाद डॉक्टरों की निगरानी में उसका पोस्टमॉर्टम किया गया और फिर देर शाम उसकी अंत्येष्टि की गई।
वहीं घटना के बाद से प्रबंधन की व्यवस्था पर अब सवाल उठने लगे हैं। अप्रैल में बाघिन के चार शावक पैदा हुए थे, जिसमें से अब दो की मौत हो चुकी है। दो माह पहले ही शावक मितान भी बीमार हो गया था और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। ऐसे में वन्य जीव प्रेमियों का मानना है कि कानन जू में वन्य प्राणी विशेषज्ञों की कमी है और सही तरीके से देखभाल नहीं होने के कारण वन्य प्राणियों की मौत हो रही है। राज्य शासन और जू अथारिटी ऑफ इंडिया को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।
