धनबाद। इन दिनों आम लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। कहीं सब्जियों में डाला हानिकारक केमिकल डाला जा रहा है तो कहीं मिठाइयों में मिलावट की जा रही है। इधर बीते आठ महीने में धनबाद में एक भी खाद्य सामग्री का सैंपल नहीं लिया गया है।
जिला प्रशासन की जगह खाद्य सामग्री की जांच करने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग को मिली है। फूड सेफ्टी विभाग की निष्क्रियता के वजह से मिलावट खोरी की चांदी हो रही है, तो दूसरी ओर आम लोगों की सेहत खराब हो रही है। मार्च 2023 में अनुमंडल पदाधिकारी से फूड सेफ्टी का काम स्वास्थ्य विभाग को दे दिया गया, लेकिन धनबाद में फरवरी 2023 से लेकर सितंबर 2023 के बीच एक भी फूड सैंपल की जांच नहीं हुई है। ज्ञात हो कि 9 फरवरी 2023 को धनबाद के फूड इंस्पेक्टर अभिषेक और उनका कर्मचारी घूस लेने दौरान एंटी करप्शन ब्यूरो के हत्थे चढ़ गए थे। फिलहाल दोनों जेल में है।
सब्जियों के केमिकल से कैंसर का खतरा
धनबाद के सब्जी बाजारों में केमिकल युक्त रंगों से सब्जी रंगे जा रहे हैं। इन सब्जियों को खाना सेहत के लिए काफी खतरनाक है। सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ मासूम आलम ने बताया कि यह सब्जी कैंसर का एक कारण बन सकती है। यह पेट और हाथ को भी नुकसान पहुंचा सकता है। बीमार लोगों के लिए यह और घातक साबित होता है। ऐसे में जो सब्जियां ज्यादा हरी और आकार से ज्यादा बड़ी दिख रही हो, उसे खरीदने से परहेज करें।
बोकारो के फूड सेफ्टी अफसर को दिया गया धनबाद का प्रभार
धनबाद में फूड सेफ्टी ऑफिसर का पद खाली होने के बाद बोकारो कि फूड सेफ्टी अफसर को धनबाद का प्रभार दिया गया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग भी निष्क्रिय बना हुआ है। सिविल सर्जन कार्यालय के ऊपरी हिस्से में फूड सेफ्टी अफसर का केंद्र बनाया गया है, लेकिन यहां पर अतिरिक्त कोई भी कर्मचारी और पदाधिकारी को तैनात नहीं किया गया है।
फूड सेफ्टी विभाग को सैंपल लेने को कहा गया है, जल्दी इसके तहत अभियान शुरू किया जाएगा। लोगों को जागरुक भी किया जाएगा
– डॉ सीबी प्रतापन, सिविल सर्जन, धनबाद।