महाकुंभ नगर। संगम पर मंगलवार की दोपहर बाद स्नानार्थियों से भरी एक नाव पलट गई। इसमें सवार नौ लोग डूबने लगे। जल पुलिस के जवानों और गोताखोरों ने सात लोगों को बचा लिया, लेकिन मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (एमईएस) के ठेकेदार सुरेश कुमार अग्रवाल और उनकी रिश्तेदार ललिता लापता हो गई। चार लोगों को स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
लापता की तलाश में जल पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीम जुटी हुई है। बताया गया है कि देहरादून में हनुमान चौक के पास रहने वाले सुरेश कुमार अग्रवाल एमईएस में ठेकेदार हैं। वह अपनी पत्नी ऊषा देवी, दोस्त महाबीर, बृजलाल, सुरेश चंद्र, गीता देवी के साथ महाकुंभ मेला क्षेत्र में ठहरे हुए थे।
नाव संगम पर पहुंची तो पानी का बहाव काफी तेज था
सभी लोग अरैल घाट से एक चप्पू नाव पर सवार हुए। उनके साथ ही बेंगलुरू निवासी रवि किरण और उनके माता-पिता भी नाव पर बैठ गए। जब नाव संगम पर पहुंची तो पानी का बहाव काफी तेज था। श्रद्धालु अपनी-अपनी लाइफ जैकेट उतारकर नाव पर रख दिए। इसके बाद नाव से उतरने लगे, लेकिन एकाएक सभी लोग खड़े होकर एक तरफ आ गए, जिससे वह पलट गई। चीख-पुकार मचते ही जल पुलिस, गोताखोर, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के जवान मौके पर पहुंच गए और डूबे रहे सात लोगों को किसी तरह पानी से बाहर निकाला। आनन-फानन सभी को वाटर एंबुलेंस की मदद से घाट तक पहुंचाया गया। फिर चार लोगों को स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत चिंताजनक बताई गई है। उधर, लापता 65 वर्षीय सुरेश कुमार व महाबीर की पत्नी ललिता लापता हो गईं। उनकी तलाश में जल पुलिस प्रभारी जनार्दन साहनी की अगुवाई में अलग-अलग टीमों ने कई घंटे तक सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन कुछ पता नहीं चला। नाव भी पानी में डूबी हुई है। हादसे से परेशान श्रद्धालु ने रिश्तेदारों को बताया तो वह भी चिंतित हो गए। सहारनपुर निवासी सौरभ ने बताया कि संगम पर नाव पलटने के कारण उनके श्वसुर सुरेश व महाबीर की पत्नी के लापता होने का पता चला तो परेशान हो गए। उन्होंने महाकुंभ मेला प्रशासन के टोल फ्री नंबर 1920 पर काल किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। पहले तो प्रशासन ऐसी किसी घटना होने से मना करता रहा। सौरभ का कहना है कि उनका साला आस्ट्रेलिया में रहता है। घटना का पता चलने पर वह भी परेशान हैं।